बाराबंकी। न्याय को आमजन की दहलीज तक पहुँचाने के संकल्प के साथ राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों को लेकर जनपद न्यायालय में गुरूवार को एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जनपद न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष प्रतिमा श्रीवास्तव ने की। बैठक में उन्होंने समस्त न्यायिक अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत 13 सितंबर को एक सफल और जनसरोकारों से जुड़ा आयोजन बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा वादों को चिन्हित कर उनका निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।जिला जज ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय लोक अदालत केवल न्यायिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और सहज समाधान की दिशा में एक मानवतावादी पहल है। उन्होंने कहा वादियों को वर्षों की कोर्ट-कचहरी से राहत दिलाते हुए सुलह और समाधान का रास्ता दिखाना ही लोक अदालत की आत्मा है। इसके लिए वादों की पहचान और पक्षकारों की समयबद्ध सूचना अत्यंत जरूरी है।बैठक में न्यायालय के सभी न्यायिक अधिकारी, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सत्यदेव गुप्ता, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण की पीठासीन अधिकारी अल्पना सक्सेना, स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष सत्यवीर सिंह यादव, विशेष न्यायाधीश ईसी एक्टध्नोडल अधिकारी राकेश कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे।बैठक में यह भी तय किया गया कि चिन्हित वादों में कम से कम दो बार नोटिस भेजे जाएं, और ये नोटिस लोक अदालत की तारीख से एक माह पहले तक भेजे जा चुके हों, ताकि वादकारियों को न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास और समय की जानकारी दोनों प्राप्त हो सके।
यह आयोजन न केवल अदालतों के बोझ को कम करने की दिशा में प्रयास है, बल्कि यह आम आदमी को जल्दी, सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने की संवेदनशील पहल भी है।वर्षों से अदालतों की चैखट पर खड़े लोगों के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत उम्मीद की वो खिड़की है, जहां कागजी लड़ाई नहीं, इंसानी समझ और सुलह का उजाला मिलता है।