बलिया। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह एवं अनुसूचित जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय गोंड ने कलेक्ट्रेट सभागार में अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण-पत्र बनाने के संबंध में बैठक की। अध्यक्ष द्वारा अवगत कराया गया कि जिले में गोंड जाति का जाति प्रमाण-पत्र का आवेदन तहसीलदारों द्वारा बिना उचित कारण के खारिजध्निरस्त किया जा रहा है। जिस पर जिलाधिकारी ने सभी तहसीलदारों को निर्देशित करते हुए कहा कि अगर किसी आवेदक का जाति प्रमाण-पत्र निरस्त किया जा रहा है, तो पहले आवेदनकर्ता से वार्ता करें, उसका बिना सुने खारिज न किया जाए और उन्हें पूरी जानकारी दें, क्योंकि आवेदन खारिज किया जा रहा है तो सबसे पहले गोंड जाति की सत्यता का पता लगाए। उसके बाद पुराने अभिलेखों को देखें और पहले खतौनियों में जाति लिखी होती थी उससे भी पता लगा सकते हैं। जिलाधिकारी ने समस्त तहसीलदारों को निर्देश दिए कि जितने जाति प्रमाण-पत्र से संबंधित आवेदन पत्र आ रहे हैं उसकी जांच करें की गोंड जाति है।
उसका प्रमाणीकर्ता हो जाने पर ही जाति प्रमाण- पत्र निर्गत करें और यह सुनिश्चित कर लें कि कोई भी पात्र व्यक्ति जाति प्रमाण- पत्र से वंचित न रहे। बैठक में सीआरओ त्रिभुवन सिंह, समस्त तहसीलदार, जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा अन्य कार्यकर्ता आदि उपस्थित रहे।