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सूत्रों के हवाले से खबर! अवैध धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग के तार जाकिर नाईक से जुड़े


यूपी में अवैध धर्मांतरण से जुड़े मामलों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। यूपी में अवैध धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग के तार भगोड़े इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर नाईक से जुड़ रहे हैं। इस मामले में ईडी जल्द ही विस्तृत जांच कर सकती है।

बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण का सिंडीकेट चला रहे जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को विदेशी संस्थाओं से फंडिंग हो रही थी। आयकर विभाग ने भी बीते फरवरी माह में नेपाल सीमा पर छापा मारकर अवैध धर्मांतरण के साथ मस्जिद, मदरसों और मजारों के निर्माण के लिए दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से फंडिंग होने के पुख्ता सुराग हासिल किए थे।

जांच में सामने आया है कि यह फंडिंग भी विदेश से हो रही है। इसमें यूएई, तुर्किए, दुबई, कनाडा, अमेरिका, यूके की कुछ इस्लामिक संस्थाएं संलिप्त हैं। उनका निशाना यूपी में नेपाल सीमा के जिले हैं, जहां पर मुस्लिम आबादी को बढ़ाने की कवायद भी चल रही है, जिसमें जाकिर नाईक की भूमिका के कई सबूत मिले हैं, जिन्हें केंद्रीय एजेंसियां वेरीफाई कर रही हैं।

जाकिर नाईक एक भारतीय इस्लामी उपदेशक है। उसका जन्म 18 अक्टूबर 1965 को मुंबई में हुआ था। वह इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) और पीस टीवी नेटवर्क का संस्थापक है। नाईक ने मुंबई के केसी कॉलेज से पढ़ाई की और एमबीबीएस की डिग्री हासिल की, लेकिन बाद में इस्लामिक उपदेश देने लगा। वह इस्लाम की तुलना अन्य धर्मों से करता है।

अपने बयानों की वजह से नाईक विवादों में रहा। उसके कुछ भाषणों को भड़काऊ और अन्य धर्मों के प्रति अपमानजनक माना गया। भारत में उनके संगठन IRF और पीस टीवी पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 2016 में वे भारत छोड़कर मलेशिया चले गए, जहां उसने स्थायी निवास ले लिया। भारत ने उनके प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन मलेशिया ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया। नाईक के भाषण यूट्यूब और सोशल मीडिया पर देखने को मिलते हैं।

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