बाराबंकी। हजरत इमाम हुसैन (रजि.) और उनके 72 साथियों की शहादत की याद में जिले भर में मोहर्रम के अवसर पर अकीदत, गम और शांति के साथ ताजियों के जुलूस निकाले गए। कर्बला की याद में निकले इन जुलूसों में ‘या हुसैन... या हुसैन’ की गूंज ने माहौल को गमगीन और श्रद्धा से सराबोर कर दिया।
शहर, मसौली, रामनगर, सूरतगंज और मोहम्मदपुर खाला सहित दर्जनों स्थानों से उठे ताजियों ने अपने पारंपरिक मार्गों से गुजरते हुए कर्बला पहुंचकर सुपुर्द-ए-खाक होने तक श्रद्धा और अनुशासन की मिसाल पेश की।इस मौके पर ड्रोन पीएसी और कई थानों की पुलिस बल की निगरानी में ताजियों का जुलूस शांतिपूर्वक निकाला गया। डीएम और एसपी स्वयं पल-पल की जानकारी लेते रहे।मसौली में नौवीं मोहर्रम को चैक पर रखे गए ताजियों को दसवीं मोहर्रम को नम आंखों के साथ दफन किया गया। फातिहा, शबील, लंगर और रोजा रखकर अकीदतमंदों ने कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। तो वहीं रामनगर के मीतपुर में शिया समुदाय ने पारंपरिक जुलूस निकाला, जिसमें ‘या अली मौला’ की सदाओं के बीच छुरियों से मातम करते हुए शहीदों को याद किया गया। गणेशपुर, लहड़रा, रजनापुर और नखासा में भी सुन्नी समुदाय द्वारा बड़े अनुशासन के साथ जुलूस निकाले गए।सूरतगंज क्षेत्र में 878 ताजिये निकाले गए। मोहम्मदपुर खाला, झंझरा, लालपुर करौता, भैरमपुर, बुढ़ानापुर, बेलहरा सहित अनेक गांवों में गमगीन माहौल में जुलूस निकाले गए और भाईचारे का अद्भुत संदेश दिया गया।सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। विभिन्न जगहों पर एसपी, एएसपी, सीओ, एसएचओ, चैकी इंचार्ज और भारी पुलिस बल तैनात रहे।मोहर्रम के इस अवसर पर जिले की सरजमीं पर आस्था, अनुशासन और इंसानियत की जिंदा मिसाल देखने को मिली, जिसने कर्बला की कुर्बानी को श्रद्धा और सम्मान के साथ याद किया।