लखनऊ। नगर निगम द्वारा नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देश पर स्वच्छता व्यवस्था को लेकर चलाए जा रहे सघन निरीक्षण अभियान के तहत अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार राव के निर्देशन में जोन-8 के वृंदावन सेक्टर-8 में जोनल अधिकारी अजीत कुमार राय ने औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य क्षेत्र में डस्टबिन की स्थिति, सफाई, स्वीपिंग, और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था की वास्तविकता का आंकलन करना था।निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि सेक्टर-8 में तैनात सफाई कर्मचारी नियमित रूप से सफाई कार्य नहीं कर रहे हैं। न तो पूरी तरह से सफाई की जा रही थी और न ही सफाई कर्मियों ने निर्धारित वर्दी पहनी थी। क्षेत्र में डस्टबिन व्हाइट एवं ब्लू के अभाव में कूड़ा बाहर सड़कों पर बिखरा हुआ मिला। इससे न केवल गंदगी का वातावरण उत्पन्न हो गया था, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि पिछले एक महीने पहले भी यहां भारी मात्रा में कबाड़ एकत्र हो गया था, जिसे बाद में नगर निगम अधिकारियों द्वारा 10 ट्रकों के माध्यम से उठवाया गया था। तब संस्था को निर्देशित किया गया था कि भविष्य में नियमित रूप से कबाड़ उठान सुनिश्चित किया जाए, परंतु इसके बावजूद भी 30 जुलाई 2025 को निरीक्षण के दौरान फिर से 2 ट्रक कबाड़ क्षेत्र में जमा पाया गया।स्थानीय क्षेत्रवासियों ने बताया कि यहां पर डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की गाड़ी एक दिन छोड़कर आती है। साथ ही गीला और सूखा कूड़ा पृथक रूप से नहीं उठाया जा रहा है, जो कि साफ तौर पर नगर निगम के नियमों का उल्लंघन है। नियमानुसार गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग एकत्र करना अनिवार्य है, ताकि आगे चलकर उसका सही निस्तारण किया जा सके।
इस लापरवाही और नियमों के उल्लंघन को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम लखनऊ ने संबंधित संस्था लायन एनवायर लखनऊ पर 1,00,000 (एक लाख रुपये) का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना पर्यावरण एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह रवैये के लिए अधिरोपित किया गया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि भविष्य में यदि इस प्रकार की कोई लापरवाही पाई गई तो और कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित संस्था की होगी।इस प्रकरण में नगर निगम ने अपने अन्य अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने वार्डों में समय से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, डस्टबिन की उपलब्धता और सफाई व्यवस्था की सतत निगरानी सुनिश्चित करें, जिससे किसी भी क्षेत्र में सफाई व्यवस्था प्रभावित न हो।