सोनभद्र। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुलावंती देवी उम्र 45 पत्नी शंभू उरांव निवासी शिकारी खोली वार्ड 15 है कुलावंती पहले तो ठिक थी धीरे धीरे हड्डी कमजोर होने लगी पैर कमर भी टेढ़े मेढ़े होने लगे इसका इलाज भी चल रहा था फ्लोराइड युक्त पानी पीने से इनका शरीर में प्रभाव होने लगा धीरे धीरे यह बिमार हो गई और चल बसी यह सिलसिला रूकने का नाम नहीं लेता। कुछ माह बिता नहीं कि मौत हो जाती है।घर की ही सदस्य रौनीया देवी फ्लोराइड युक्त पानी पीने के वजह से वर्षों से पैरों की हड्डियां सिकुड़ने लगी है. वो अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पाती. सहारा देकर उन्हें उठाया बैठाया जाता है. किसी के सहारे ही थोड़ी देर के लिए खड़ी हो पाती हैं, गांव के ही चंद्र देव ने बताया पानी की सबसे बड़ी समस्या है. एक तो पानी नहीं मिलता है और जो मिलता है वो भी खराब पानी है. इस कारण यहां लोग लंगड़े हो जाते हैं. प्रशासन और सरकार के लोग आते हैं, जांच के नाम पर पानी के नमूने ले जाते हैं और फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है.
वार्ड संख्या 15 के सदस्य दीपक जायसवाल बताते हैं गांव के भूजल में फ्लोराइड का स्तर स्वीकार्य सीमा से कई गुना ज्यादा जांच में बताया गया है. इस पर स्वास्थ्य विभाग और अन्य स्वस्थ विभाग की ओर से कई बार जांच भी हुई है, जिसमें फ्लोराइड की मात्रा अधिक पाई गई है.इसके बावजूद यहां पर शासन प्रशासन ध्यान नहीं दे रही कई बार उच्च अधिकारियों का कैंप लगा आश्वासन मिला कि आप सभी को शुद्ध जल मिलेगा लेकिन आज तक नहीं मिला आज यहां के लोग बड़ी तादाद में पलायन कर रहे हैं जो लोग यहां है यही दूषित पानी पीने को मजबूर हैं हर घर जल योजना का नल तो लगा है जो शो पीस बना है कब इस गांव की समस्या का निदान होगा वहीं दीपक जायसवाल ने कहां की सरकार को मालूम है कि यहां का पानी दूषित है तो क्यों नहीं स्वच्छ पानी उपलब्ध कराती हम सभी आज अपनों को खोते देख रहै हम सभी की मांग है कि मृतक को कुछ मुआवजा मिले और यहां स्वच्छ पानी उपलब्ध हो।