- अतिपिछड़ों को सत्ता दिलाएगा लोक मोर्चा -स्वामी
- जन सेवा दल अध्यक्ष विनेश ठाकुर का बड़ा बयान! स्वामी प्रसाद मौर्य होंगे सीएम चेहरा, वंचितों को मिलेगा आरक्षण का हक
- बोले,यदि सपा बसपा भाजपा कांग्रेस की निति नियत सही होती तो हमें पार्टी बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ती
- एनडीए और इंडिया गठबंधन को टक्कर देने मैदान में उतरा श्लोक मोर्चा
- 9 दलों के साझा मंच से सामाजिक न्याय की नई राजनीतिक पटकथा का आगाज
- पोलिटिकल जस्टिस पार्टी अध्यक्ष बोले, 2027 में न्याय आधारित सरकार बनाने का संकल्प
लखनऊःप्रदेश की जनता को तीसरा विकल्प देने के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने तीसरे मोर्चे का ऐलान कर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने खुद को इस मोर्चे का मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की सियासत करने वाले श्री मौर्य ने आगामी पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए 9 दलों को मिलाकर लोक मोर्चा का गठन किया है। राजधानी लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस गठबंधन की जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने 9 दलों के साथ लोक मोर्चा का गठन किया है। उन्होंने बताया कि इस गठबंधन का सिद्धांत “जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी“ पर आधारित है. उन्होंने बताया कि सभी पार्टियों की तरफ से उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है।
लोक मोर्चा में शामिल दलों के नाम--
- 1. अपनी जनता पार्टी(स्वामी प्रसाद मौर्य)
- 2. राष्ट्रीय समानता दल(मोती लाल शास्त्री)
- 3. सम्यक पार्टी(राजामणि सुव्वैया राय)
- 4. जनसेवा दल(विनेश ठाकुर)
- 5. पॉलिटिकल जस्टिस पार्टी(राजेश सिद्धार्थ)
- 6. सर्वलोकहित समाज पार्टी(सत्य नारायण मौर्य)
- 7. स्वतंत्र जनता राज पार्टी (घनश्याम कोरी)
- 8. सबका दल-(प्रमोद लोधी)
- 9. लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (राजकुमार सैनी)
स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन 9 दलों को लेकर लोक मोर्चा गठबंधन बनाया है, वे सभी दल जातियों पर ही आधारित हैं, पॉलिटिकल पंडितों का मानना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य भी समाजवादी पार्टी के पीडीए फॉर्मूले पर आगे बढ़कर आगामी चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना चाहते हैं। अगर कहा जाए तो स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी के उस वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिह कर रहे हैं जिसकी बदौलत वह लगातार जीत रही है, यानी की दलित और ओबीसी। अगर इस वोट बैंक में वे कुछ सेंध लगा पाए तो यह स्थिति समाजवादी पार्टी के लिए मुफीद होगी क्योंकि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत का श्रेय भी पीडीए फॉर्मूला को दिया जा रहा है. अब अगर स्वामी प्रसाद मौर्य क्षेत्रीय पार्टियों के साथ इस वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब होते हैं तो इसका नुकसान बीजेपी को ही होगा।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान योगी सरकार और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। श्री मौर्य ने कहा कि उन्होंने कहा कि यूपी में बड़े पैमाने पर जंगलराज है। गुंडाराज से यूपी की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है. यूपी का युवा बेरोजगार है. मंहगाई से आम जनता त्रस्त है. 140 करोड़ की आबादी में 80 करोड़ की जनता 5 किलो दाल चावल पर चल रही है. 80 करोड़ जनता के सपने पूरे नही हो रहे है। गौरतलब हो कि स्वामी प्रसाद मौर्य जिस सियासी समीकरण को लेकर आगे बढ़ रहे हैं वह समाजवादी पार्टी के लिए भी दोधारी तलवार साबित हो सकती है, क्योंकि वह जिस मुद्दे को उठा रहे हैं, वह सपा भी उठा रही है. ऐसे में लोक मोर्चा भी उसी वोट बैंक को साधने में है, जिसे समाजवादी पार्टी साध रही है. अगर इस वोट बैंक में बंटवारा हुआ तो नुकसान बीजेपी के साथ समाजवादी पार्टी का भी होगा।
जन सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनेश ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा, बसपा, भाजपा और कांग्रेस पर ओबीसी समुदाय की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन दलों ने सैन, सविता, प्रजापति, कश्यप, विश्वकर्मा जैसी जातियों को सिर्फ दिखावे के लिए एक-एक टिकट देकर हारने वाली सीटों पर उतारा। श्री ठाकुर ने सवाल उठाया कि यदि वाकई ओबीसी प्रेम था तो रोहिणी आयोग और सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट अब तक लागू क्यों नहीं की गई। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि सभी वंचित जातियों को उनके आरक्षण के अधिकार के अनुसार सत्ता में भागीदारी मिले। पत्रकारों के हितों की बात करते हुए विनेश ठाकुर ने वादा किया कि स्वामी प्रसाद मौर्य की सरकार बनने पर पत्रकारों को मुफ्त या मामूली किराए पर तीन कमरों का आवास, 25,000 पेंशन, बच्चों को मुफ्त शिक्षा और मुफ्त इलाज जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
पोलिटिकल जस्टिस पार्टी के संस्थापक बीपी अशोक ने कहा कि हम सभी दल एक-दूसरे के पूरक बनकर सरकार बनाने जा रहे हैं और पहली ही कैबिनेट में जातीय उत्पीड़न, बैकलॉग, प्रमोशन में आरक्षण, शिक्षा मित्रों की बहाली, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं और रसोइयों के मानदेय जैसे मुद्दों का समाधान किया जाएगा। राष्ट्रीय समानता दल अध्यक्ष मोती लाल शास्त्री लोक मोर्चा उन लोगों की आवाज है, जिन्हें अब तक केवल गिनती में रखा गया। अब समय है उन्हें सत्ता में भागीदारी देने का। सम्यक पार्टी अध्यक्ष डॉ. राजामणि सुव्वैया राय ने कहा हम जातिगत न्याय और संवैधानिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए एकजुट हुए हैं। लोक मोर्चा देश के लिए नई दिशा है। पोलिटिकल जस्टिस पार्टी अध्यक्ष राजेश सिद्धार्थ ने कहा हमारी लड़ाई सत्ता के लिए नहीं, समाज के सम्मान के लिए है। लोक मोर्चा हर पीड़ित की ढाल बनेगा। सत्य नारायण मौर्य सर्वलोकहित समाज पार्टी अध्यक्ष ने कहा हर उपेक्षित वर्ग को न्याय दिलाना हमारा मिशन है। लोक मोर्चा नया राजनीतिक विकल्प नहीं, नई उम्मीद है।ष् घनश्याम कोरी स्वतंत्र जनता राज पार्टी अध्यक्ष ने कहा हम सत्ता की नहीं, समान अधिकारों की राजनीति कर रहे हैं। लोक मोर्चा दबे-कुचले समाज की आवाज है। प्रमोद लोधी सबका दल (न्) अध्यक्ष ने कहा अब सरकारें जातियों को नहीं, न्याय को पहचानेंगी। लोक मोर्चा इसी बदलाव की बुनियाद है। राजकुमार सैनी लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी अध्यक्ष ने कहा लोक मोर्चा सामाजिक न्याय की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहा है। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है हक की सत्ता।