लखनऊ: सीएम ने प्रदेश श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर अर्पित की श्रद्धांजलि, मंत्री विधायक रहे मौजूद
June 23, 2025
लखनऊ। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धेय श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की पुण्यतिथि पर सोमवार प्रातः सिविल अस्पताल हजरतगंज में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नमन करते हुए प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, राज्य मंत्री अरुण सक्सेना,राज्यसभा सांसद डॉक्टर दिनेश शर्मा, महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक डॉ नीरज बोरा, बीकेटी विधायक योगेश शुक्ला, ओ.पी श्रीवास्तव,एमएलसी लालजी निर्मल, प्रवीण गर्ग ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। वहीं मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने श्एक देशश् का जो सपना देखा था उसे साकार होने में 65 साल लग गए।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व में अनुच्छेद 370 खत्म कर वह कर दिखाया जो डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना था। प्रधानमंत्री का यही कदम डॉ. साहब को सच्ची श्रद्धांजलि है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि स्वतंत्र भारत की पहली कैबिनेट में डॉ. मुखर्जी ने मंत्री के रूप में अपनी भूमिका निभाते हुए देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया। राष्ट्रीय एकता से कोई समझौता नहीं हो सकता इस भावना के तहत उन्होंने पंडित नेहरू की सरकार से इस्तीफा दे दिया। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देकर संविधान का अनुच्छेद 370 लागू किया गया। यह भारत की अखंडता के लिए चुनौती था, जिसका डॉ. मुखर्जी ने डटकर विरोध किया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा- श्एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगेश्- इस उद्घोष के साथ वे कश्मीर गए और वहीं की एक जेल में उनका बलिदान हुआ। उनका बलिदान आज भी हमें प्रेरणा देता है। डॉ. मुखर्जी ने जिस सपने को देखा था, उसे साकार करने में दशकों लग गए। कहा कि मैं डॉ. मुखर्जी को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प दोहराता हूं। भारतीय जनता पार्टी लखनऊ महानगर द्वारा हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में अंजनी श्रीवास्तव,मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग, संयोजक यू एन पांडे, अभिषेक खरे और शिव शंकर विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे और श्रद्धा सुमन अर्पित किये।