Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

राज्य सरकारें इस सवाल का जवाब तैयार रखें कि अगर विवाहित युगल में से पत्नी ओबीसी नहीं है, तो क्या बच्चे को ओबीसी सर्टिफिकेट नहीं मिलता-सुप्रीम कोर्ट


सिंगल मदर्स यानी एकल माताओं के बच्चों को ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने से जुड़े मसले पर सुप्रीम कोर्ट विस्तृत सुनवाई करेगा. याचिका में पिता पक्ष के ओबीसी प्रमाण पत्र के आधार पर ही बच्चे को सर्टिफिकेट देने की व्यवस्था का विरोध किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को मामले की सुनवाई की बात कही है.

दिल्ली की रहने वाली संतोष कुमारी की याचिका में कहा गया है कि अगर मां ओबीसी है और वह अकेले बच्चे का पालन कर रही है, तो बच्चे को भी ओबीसी सर्टिफिकेट मिलना चाहिए. 31 जनवरी को कोर्ट ने याचिका पर दिल्ली और केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. अब मामले की अहमियत को देखते हुए दूसरे राज्यों को भी सुनने की बात कही है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि सिर्फ पैतृक पक्ष के आधार पर ओबीसी प्रमाण पत्र देना संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. एससी/एसटी के लिए इस तरह की व्यवस्था लागू नहीं है. ऐसे में ओबीसी वर्ग की एकल माताओं के बच्चों के साथ भेदभाव करता है. अगर किसी ओबीसी महिला ने बच्चे को गोद लिया है, तो वह पिता का जाति प्रमाण पत्र कैसे दे सकती है?

सोमवार को हुई सुनवाई में जस्टिस के विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि अवकाशकालीन बेंच के सामने यह मामला कैसे लग गया. जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि निश्चित रूप से यह एक महत्वपूर्ण विषय है. इस पर विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है. इस पर दूसरे राज्यों को भी सुना जाना चाहिए.

कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी महिला का तलाक हो गया हो तो उसे अपने बच्चे का जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पूर्व पति से सहायता मांगने को कहना सही नहीं होगा. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें इस सवाल का भी जवाब तैयार रखें कि अगर विवाहित युगल में से पत्नी ओबीसी नहीं है, तो क्या बच्चे को ओबीसी सर्टिफिकेट नहीं मिलता? जजों ने कोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें माता के एससी/एसटी सर्टिफिकेट के आधार पर बच्चे को भी जाति प्रमाण पत्र देने की बात कही गई है.

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |