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बुखार में नहाना चाहिए या नहीं, शरीर पर क्या होता है असर


मानसून में वायरल बुखार, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी कई बीमारियां तेजी से फैलती हैं। इन दिनों काफी लोग वायरल बुखार की चपेट में आने लगे हैं। डेंगू बुखार में शरीर तपने लगता है। बुखार में शरीर का तापमान बढ़ने से एनर्जी लो होने लगती है। कमजोरी और दर्द की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में कुछ लोग बुखार में नहाना और कई बार तो खाना पीना भी छोड़ देते हैं। ज्यादातर लोग बुखार में नहाना सेहत के लिए खतरनाक मानते हैं। कहा जाता है कि इससे तबियत और खराब हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से जानते हैं बुखार में नहाना चाहिए या नहीं? बुखार में नहाने से शरीर पर कैसा असर होता है?

शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ भुमेश त्यागी की कहना है कि बुखार आने पर नहाने से कोई परेशानी नहीं है। अगर हल्का तापमान है तो आप गुनगुने पानी से नहा सकते हैं। इससे शरीर का तापमान कम होता है और शरीर में हो रहे दर्द में भी राहत मिलती है। नहाने से आप फ्रेश और अच्छा महसूस करते हैं। इससे मसल्क भी रिलेक्स होती हैं। लेकिन अगर बुखार बहुत ज्यादा तेज है तो आपको उस वक्त नहाने से बचना चाहिए। बुखार उतरने के बाद नहा सकते हैं। हां ध्यान रखें बुखार वाले दिनों में ठंडे पानी से नहाना नुकसानदायक हो सकता है।

अगर बहुत तेज फीवर है और कमजोरी महसूस हो रही है। उठने बैठने में परेशानी हो रही है तो ऐसी स्थिति में नहाने की बजाय आप स्पंजिंग करें। जो व्यक्ति नहाना नहीं चाहते उनके लिए भी ये अच्छा तरीका है। इसके लिए गुनगुने पानी में तौलिया को भिगोकर निचोड़ लें। अब गीले तौलिया से पूरे शरीर को अच्छी तरह से क्लीन कर लें। इससे आपको काफी अच्छा महसूस होगा और बुखार में बढ़ रहे तापमान को कम करने में भी मदद मिलेगी। भीगी तौलिया से शरीर को साफ करना बुखार में काफी फायदेमंद माना जाता है। हालांकि स्पंजिंग के दौरान ठंडे या बर्फ के पानी का इस्तेमाल न करें।

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