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पीलीभीतः शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा- नसीम अहमद


पीलीभीत। शिक्षा मानव जीवन का आधार है और इसके बिना जीवन अधूरा रह जाता है। इसी विचार को केंद्र में रखकर एकेडमी ऑफ अराइन स्टडीज एंड रिसर्च द्वारा सिटी पैलेस पीलीभीत में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षा के महत्व, सामाजिक सुधार और युवाओं के शैक्षिक योगदान पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ।दिल्ली से आए पूर्व सीनियर पासपोर्ट अधिकारी एवं एकेडमी के अध्यक्ष नसीम अहमद ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “शिक्षा के बिना इंसान का जीवन अधूरा है। शिक्षित व्यक्ति ही एक सुंदर समाज की रचना कर सकता है और इस रचना की जिम्मेदारी सबसे अधिक शिक्षकों पर होती है। शिक्षक ही समाज की नींव हैं।”कार्यक्रम में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर और प्रॉक्टर डॉ. मोहम्मद असद ने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैं पीलीभीत जनपद के अमरिया ब्लॉक के छोटे से गांव सुकटिया से हूं, लेकिन शिक्षा ने मुझे जामिया यूनिवर्सिटी तक पहुंचाया। यदि हम अपने बच्चों को शिक्षा देंगे तो वे निश्चित ही बुलंदियों को छू सकते हैं।”

एकेडमी के महामंत्री प्रोफेसर शानवाज मलिक ने संगठन के मिशन, उद्देश्यों और अब तक की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विगत पांच वर्षों में एकेडमी ने शिक्षा और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में गंभीरतापूर्वक कार्य किया है, जिसका लाभ समुदाय को मिल रहा है।

कार्यक्रम का संचालन एकेडमी के संस्थापक सदस्य मोहम्मद आजम ने किया। इस अवसर पर हाल ही में मेडिकल, एएमयू, जामिया और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा, 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट अंक लाने वाले छात्रों को भी पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।कार्यक्रम के दौरान शिक्षा, सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन और सामुदायिक विकास जैसे विषयों पर तीन अलग-अलग पैनल चर्चा आयोजित की गईं। इनमें व्यापार मंडल जिला अध्यक्ष एम. ए. जिलानी, प्रो. डॉ. रहन असद, मतलूब अहमद, अनवर अनीस, यूसुफ मलिक, शकील उर रहमान, मोहम्मद यूनुस, इलयास अहमद सहित कई बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।

बैठक में पीलीभीत में एक रिसर्च एंड लर्निंग सेंटर की स्थापना का निर्णय भी लिया गया, जिससे स्थानीय युवाओं को उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकें।यह आयोजन न केवल शिक्षा के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सामाजिक जागरूकता और संगठित प्रयासों से समुदाय में सकारात्मक परिवर्तन संभव है।

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