पीलीभीतः साइकिलिंग स्वास्थ्य, समानता और पर्यावरणीय स्थिरता का वाहक
June 02, 2025
पीलीभीत। प्रत्येक वर्ष 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन न केवल साइकिलिंग के लाभों को रेखांकित करता है, बल्कि इसे एक किफायती, पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ परिवहन माध्यम के रूप में भी मान्यता देता है। वर्ष 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस घोषित किया था। इस वर्ष 2025 की थीम है दृ ष्साइकिलिंग के माध्यम से स्वास्थ्य, समानता और स्थिरता को बढ़ावा देना।ष्
साइकिल न केवल एक साधारण दो-पहिया वाहन है, बल्कि यह स्वास्थ्य लाभ, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समानता जैसे कई लक्ष्यों को साधने में सहायक है। साइकिलिंग से वजन नियंत्रित रहता है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं, कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है, हृदय रोग की आशंका कम होती है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आता है।
इस अवसर पर विज्ञान संचारक लक्ष्मी कांत शर्मा ने साइकिल में समाहित विज्ञान के सिद्धांतों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साइकिल की गति और संतुलन न्यूटन के गति नियमों पर आधारित हैं। जब साइकिल सवार पैडल मारता है, तो वह बल उत्पन्न करता है जिससे पीछे के पहिये घूमते हैं। टायर और सतह के बीच घर्षण साइकिल को आगे बढ़ाता है।
शर्मा ने बताया कि साइकिल की स्थिरता में जायरोस्कोपिक प्रभाव भी भूमिका निभाता है, जिससे साइकिल सवारी के दौरान सीधा संतुलन बनाए रखती है। ब्रेकिंग सिस्टम भी वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित होता है दृ जैसे वी ब्रेक, डिस्क ब्रेक और रोलर ब्रेक। इन तकनीकों के माध्यम से साइकिल को सुरक्षित और नियंत्रित ढंग से रोका जा सकता हैं।
साइकिल न तो ध्वनि प्रदूषण करती है और न ही वायु प्रदूषण। यह ईंधन रहित साधन है जो जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच एक प्रभावी विकल्प प्रस्तुत करता है। साइकिल चलाने से कार्बन उत्सर्जन में कटौती होती है, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता को बल मिलता है।
विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर नागरिकों से आह्वान किया गया कि वे इस पर्यावरण-मित्र साधन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और स्वस्थ जीवनशैली, जैव विविधता संरक्षण तथा प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा हेतु साइकिलिंग को प्राथमिकता दें।चलते-चलते यह संदेश देना आवश्यक है कि साइकिल सिर्फ एक वाहन नहीं, बल्कि एक आंदोलन हैं। स्वास्थ्य, समानता और टिकाऊ भविष्य की दिशा में।