बलियाः गोंडवाना वीरांगना महारानी दुर्गावती का बड़ा ही शानदार गौरवशाली इतिहास है- नागेंद्र बहादुर सिंह झुन्नू
June 24, 2025
बलिया। ष्भारत के राष्ट्रपतीय राजपत्र संविधान शासनादेश का अनुपालन करो, गोंड अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र सुगमता पूर्वक जारी करोष् नारे के साथ ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आगसा) का अनिश्चित कालीन धरना 24 जून 2025 को कलेक्ट्रेट मॉडल तहसील पर 149 वें दिन भी जारी रहा। क्रमिक सत्याग्रह अनशन के 23वें दिन कोटवां निवासी प्रमोद गोंड व विष्णु कुमार गोंड बैठे रहे। इस दौरान धरना स्थल पर ही गोंडवाना की वीरांगना महारानी दुर्गावती के 462वें बलिदान दिवस पर उनके चित्र पर फूल-माला चढ़ाकर श्रद्धा-सुमन श्रंद्धाजलि अर्पित की गई तथा वीरांगना महारानी दुर्गावती अमर रहें के जोरदार नारे लगाए गए। गोंडवाना वीरांगना महारानी दुर्गावती के कृत्व व व्यक्तित्व उनके गौरवशाली इतिहास गाथा पर गोंडवाना विचारक दादा छितेश्वर गोंड ने विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति के संयोजक व मुरली मनोहर टाऊन स्नातकोत्तर महाविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष नागेन्द्र बहादुर सिंह झुन्नू ने कहा कि गोंडवाना राज्य में सोने के सिक्के चला करते थे। जिससे गोंडवाना के शसक्त होने का भान होता है। गोंडवाना वीरांगना महारानी दुर्गावती ने अपनी मातृभूमि गोंडवाना राज्य की सुरक्षा और आदिवासी गोंड समुदाय के मान सम्मान स्वाभिमान की रक्षा लिए आजीवन मुगलों से संघर्ष करते हुए तीन-तीन बार मुगल सेना को परास्त करने का काम की। चैथी बार नरई- नाला के युद्ध में धोखे से दुश्मनों से अपने आप को घिरा पाकर एक तीर आंख में लग जाने के कारण अपनी ही कटार अपने सीने में घोंप कर वीरगति को प्राप्त हो गईं, लेकिन जीते जी कभी भी मुगल सम्राट अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की। ऐसा गौरवशाली गाथा शानदार इतिहास रहा है गोंडवाना वीरांगना महारानी दुर्गावती का जो प्रेरणाश्रोत हैं। जिले के छात्र आंदोलन के अगुआ नागेंद्र बहादुर सिंह झुन्नू ने आगे कहा कि देश की ऐसी महान वीरांगनाओं की स्वतंत्रता संग्राम संघर्ष गाथा से प्रेरणा लेकर आदिवासी जनजाति गोंड खरवार समुदाय को भी अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने के लिये सतत् संघर्षरत रहने की आवश्यकता है। अंततः सत्य की ही विजय होती है। इस दौरान प्रमुख रूप से वीर यादव, एड.बलवंत यादव, डॉ. सत्यनारण, एड. अनिल शाह, जिउत गोंड, विशेश्वर गोंड, हरिप्रकाश गोंड, छितेश्वर गोंड, मनोज शाह, सुरेश शाह, संजय गोंड, बच्चा लाल गोंड, श्रीपति गोंड, अरविंद गोंडवाना, कमलेश गोंड, मोहन गोंड, एड.अशोक गोंड, मुलायम गोंड, सूचित गोंड, लालचंद गोंड, पिंकू गोंड, ओमप्रकाश गोंड, नैना देवी, किरण देवी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।