आतंक को बढ़ावा देने वाले समझ लें, अब ये बर्दाश्त नहीं होगा-सलमान खुर्शीद
June 05, 2025
कांग्रेस के सीनियर नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को भेजे जाने का अच्छ असर हुआ है। हमलोगों ने अपनी बात रखी औ इससे देश को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में यह संदेश गया है कि आतंक को बढ़ावा देनेवाले यह समझ लें कि अब यह बर्दाश्त नहीं होगा। भारत लौटने के बाद इंडिया टीवी से खास बातचीत में खुर्शीद ने यह बात कही। खुर्शीद ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भेजे गए डेलिगेशन का हिस्सा रहे हैं। मलेशिया में पाकिस्तान की कूटीनीतिक कोशिशों पर खुर्शीद ने कहा कि वहां पाकिस्तान हाई कमिशन की तरफ से एक प्रेस नोट भेजा गया था कि जो भी बात ये लोग कह रहे हैं वह गलत है। लेकिन उस चिट्ठी में ना ही कोई तथ्य थे ना ही कोई लॉजिक था ना ही उसमें कोई सेंस था तो उसको हमने इग्नोर किया ।
यह बात सही है कि पाकिस्तान का डेलिगेशन भी कई जगह गया है ,लेकिन जहां-जहां हम गए वहां पाकिस्तान का डेलिगेशन नहीं गया । उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि यहां सब लोग जो जानकार हैं वह यह कह रहे हैं कि जाने का अच्छा असर पड़ा। क्योंकि ये भारत की सामूहिक राय है कि आतंकवाद पूरे विश्व भर में समाप्त होना चाहिए। जो आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले हैं उन सभी को यह समझना पड़ेगा कि अब यह बर्दाश्त नहीं होगा। यह संदेश हर जगह पहुंचा और इसको हर जगह लोगों ने अच्छे से रिसीव किया। जाहिर है कि यह सरकार की पहल है लेकिन हमारी पार्टी और विभिन्न विपक्षी पार्टियों ने भी इसको पूरा सहयोग दिया। एक चीज भारतवर्ष के बारे में है उसमें हमारे जितने भी डिफरेंस हो जहां भी भारत की अस्मिता का सुरक्षा का सवाल आता है वहां पर हम एक भाषा में बात करते हैं।
खुर्शीद से जब यह सवाल किया गया तो उन्होंने कहा ऐसा नहीं मान लेना चाहिए कि हमने पूरा मैदान ही जीत लिया है। हमको बहुत ही प्रयास करना पड़ा, लोगों को समझाना पड़ा। कुछ देश बहुत तैयार बैठे रहते हैं उनकी विभिन्न परिस्थितियां होती हैं। उनकी अपनी मजबूरियां होती हैं उसको लेकर कहीं ना कहीं थोड़ा relutance होता है। इस पेशकश की एक अच्छाई है कि उनके साथ आप आमने-सामने बातचीत कर सकते हैं। आप जो बातचीत करते हैं डायलॉग करते हैं उससे कुछ ना कुछ असर जरूर होता है। बहुत अच्छा रिस्पांस हमको मिला प्रतिक्रिया जो भी हमने वहां सुनी उससे लगा कि हमारा जाना बहुत अच्छा था और इससे देश का बहुत फायदा होगा।
370 पर उनके बयान से विवाद से जुड़े सवाल पर खुर्शीद ने कहा कि पार्टी स्टेटहुड पर ही इस वक्त फोकस कर रही है और वहां के जो चुने हुए हमारे नुमाइंदे विधानसभा में हैं वह भी जो स्टेट की बात कर रहे हैं। चीफ मिनिस्टर भी स्टेट हुड की बात कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा था कि सरकार ने हमको यह एश्योरेंस दिया है कि स्टेटहुड जल्दी मिल जाएगा। स्टेट हुड पर मैं समझता हूं कि हम सब एक ही राय के हैं अब केंद्र को फैसला लेना है।
पार्टी और आपके बयान में विरोधाभास है? इस पर खुर्शीद ने कहा कि कोई विरोधाभास नहीं है। हर चीज का एक परसेप्शन होता है हर चीज का एक context में लिया जाता है। वहां कुछ हो रहा है कि नहीं इसको तो वहां जाकर आप देख लीजिए। इसमें कोई विरोध करने या बहस करने की आवश्यकता नहीं है। जो हुआ है वह एक वास्तविकता है। वह सुप्रीम कोर्ट तक गया है । थरूर साहब हो कोई और हो वह अपनी समझ से कोई बात कह रहे हैं। आप मुझसे पूछ रहे हैं जो वास्तविकता है वह मैं आपको बता चुका हूं। वास्तविकता के सामने आज जो वहां की धरातल पर जो सिचुएशन है उसे पर आप वहां जाकर देख सकते हैं। पाकिस्तान ने उसको disrupt करने का प्रयास किया। यह हमारा मानना है। इसमें हम और सरकार एक ही व्यू के हैं । अब बैकग्राउंड क्या है समीक्षा क्या है एनालिसिस क्या है इस पर विरोध हो सकता है।लेकिन वह सब राजनीति का हिस्सा है। हमारे जाने से राजनीति समाप्त नहीं होगी। राजनीति बदल नहीं जाएगी। अगर हां आपस में समझौते इतने हो जाते, अगर हम जो बातचीत करें तो उसे सम्मान से सुनना चाहिए और गाली गलौज नहीं होनी चाहिए कि आपने यह क्यों पूछ लिया या आपने ऐसा क्यों पूछ लिया। जो भी दायित्व मुझे सोपा गया था वह हमारी पार्टी की ओर से सोपा गया था। पार्टी की ओर से फैसला लिया गया कि हम इस डेलिगेशन में अपने लोग भेजेंगे। इसलिए पार्टी ने हमें वहां भेजा। इसका श्रेय पार्टी को मिलना चाहिए।
सलमान खुर्शीद ने कहा, 'हमसे यह सवाल नहीं पूछे गए थे। यह हमारा सौभाग्य है कि लोग समझदार हैं। वह जानते हैं कि लोग किसलिए आए हैं। यह डेलिगेशन यहां आतंकवाद का विरोध करने आया है। आतंकवाद क्यों हो रहा है इसको समझाने आए हैं। भारत की राजनीति का विश्लेषण करने नहीं आए हैं। इसलिए उन्होंने बहुत समझदारी से हमसे बातचीत की और संवाद किया। इसलिए मैं समझता हूं कि हम सबके आभारी हैं। हमारे देश में जो राजनीतिक पटल पर आज प्रश्न उठे हैं वह हमारे देश की राजनीति का हिस्सा है। उनका जवाब हमारे देश में किसी को देना है तो दे, जिसे नहीं देना है तो राजनीति अपना खुद रास्ता निकालेगी।
अब आप बताइए मैं बिलावल भुट्टो की बात सुनूं या उन लोगों की बात मानूं जिनके साथ मैं और मेरे बुजुर्गों ने यह फैसला किया मेरा परिवार उनका परिवार एक परिवार की तरह रहेंगे। अब बिलावल भुट्टो की बात मै सुनूंगा तो मैं कहां का रह जाऊंगा। सवाल ही नहीं होता। हमारे बुजुर्गों ने इस देश में एक निर्णय लेकर गंगा जमुनी तहजीब में रहने की कोशिश की । हमारी जनरेशन ने जितना आगे बढ़ा सकते हैं, इस तहजीब को आगे बढ़ाने की कोशिश की । कोई ना कोई होगा जो बिलावल भुट्टो की भाषा बोलने वाला हमारे देश में होगा। उसको भी मैं अस्वीकार करूंगा बिलावल भुट्टो की बात को हम अस्वीकार करते हैं। जिस उम्मीद विश्वास और भरोसे से इस देश को हमने अपना घर माना है इसको कोई कहीं फुट ना डालें इसको कोई disrupt ना करें और पाकिस्तान की तरफ से disrupt करने का प्रयास किया गया उसको हम नकारते करते हैं।
भारत-पाक के बीच अमन और बातचीत के सवाल पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि एक चीज स्पष्ट है कि पाकिस्तान आतंकवाद समाप्त करें फिर बातचीत हो सकती है। डेलिगेशन जाने से 10 दिन पहले मैंने इंडियन एक्सप्रेस के इंटरव्यू में कहा था कि हम सिर्फ एक चीज चाहते हैं कि आतंकवाद को सहारा ना दिया जाए। आतंकवाद समाप्त किया जाए उसके बाद हर चीज संभव है। हमारा झगड़ा पाकिस्तान की जनता के साथ नहीं है लेकिन वहां जो व्यवस्था लोगों ने बनाई है, जिस व्यवस्था से हमको कुंठा होती है, हमको कठिनाई होती है, उसको हमें समाप्त करना है। हम चाहते हैं कि पूरा विश्व हमारा हमारा साथ दें।