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बाराबंकी: डॉ. दिव्यांशु पटेल की ऐतिहासिक पहल से स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति का आगाज! आधुनिक विज्ञान और प्राचीन चिकित्सा का समन्वय, हर नागरिक को स्वस्थ जीवन देने की ओर बढ़ा एक निर्णायक कदम


बाराबंकी। देश के स्वास्थ्य परिदृश्य में एक ऐतिहासिक मोड़ लेते हुए लेट सुषमा देवी फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. दिव्यांशु पटेल ने 2035 से पहले रोगमुक्त भारत मिशन’ की भव्य शुरुआत की है। यह केवल एक स्वास्थ्य योजना नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय जनआंदोलन का रूप ले चुका है, जिसका उद्देश्य है हर भारतीय को रोगों के भय से मुक्त करना और स्वास्थ्य को जीवन की प्राथमिकता बनाना।

इस मिशन की सबसे अनोखी बात यह है कि यह किसी एक चिकित्सा पद्धति पर आधारित न होकर पाँच-आयामी समग्र चिकित्सा मॉडल पर केंद्रित है ।जिसमें आयुर्वेद, एलोपैथी, होम्योपैथी, योग-प्राकृतिक चिकित्सा और पोषण को एकीकृत रूप में अपनाया गया है। यह वैज्ञानिक सोच और पारंपरिक ज्ञान का ऐसा समन्वय है, जो न केवल रोगों का उपचार करेगा, बल्कि उन्हें जड़ से समाप्त करने की दिशा में ठोस पहल करेगा।

डॉ. दिव्यांशु पटेल का यह संदेश कि स्वस्थ भारत ही सशक्त भारत की नींव है अब सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना बनता जा रहा है। मिशन के तहत हर जिले में सप्ताह में एक दिन निःशुल्क ओपीडी सेवाएं, ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल ओपीडी कियोस्क, स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा और जनजागरूकता के लिए जनजागृति रथ यात्राएँ’ चलाई जाएंगी। ये प्रयास न केवल इलाज को सुलभ बनाएंगे, बल्कि लोगों को रोगों के प्रति जागरूक कर उन्हें अपने स्वास्थ्य का स्वामी भी बनाएंगे।डॉ. पटेल ने बताया कि मिशन का उद्देश्य वर्ष 2035 तक एक करोड़ से अधिक नागरिकों को रोगमुक्त करना और दस लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को इस अभियान से जोड़ना है। गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, टीबी और मधुमेह में पचास प्रतिशत तक की कमी लाना इस मिशन की प्राथमिकताओं में शामिल है।यह मिशन केवल डॉ. पटेल या उनकी संस्था की कोशिश नहीं, बल्कि हर नागरिक की सहभागिता की मांग करता है। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से इस अभियान से जुड़ने की अपील करते हुए कहा, अब समय आ गया है कि हम रोगों के पीछे भागना छोड़कर उन्हें समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ें।2035 से पहले रोगमुक्त भारत मिशन’ एक नई चेतना, एक नई उम्मीद और एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ता भारत है ।जहाँ स्वास्थ्य एक सेवा नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का अधिकार और कर्तव्य होगा।

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