ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के पास मची भगदड़, कम से कम 3 की मौत
June 29, 2025
ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के पास रविवार (29 जून, 2025 ) की सुबह भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई. इसके साथ ही करीब 50 श्रद्धालु घायल बताए जा रहे हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसमें से 5-6 लोगों की हालत काफी नाजुक है.
यह घटना उस समय हुई जब भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी शुभद्रा की मूर्तियों वाले तीन रथ श्री गुंडिचा मंदिर से गुजर रहे थे, जो जगन्नाथ मंदिर से करीब तीन किलोमीटर दूर है, जहां से यात्रा शुरू हुई थी.
रविवार की सुबह करीब 4.30 बजे पवित्र रथ श्री गुंडिचा मंदिर से गुजर रहे थे. दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी. जैसे ही रथ पास पहुंचा तो भीड़ और तेजी से बढ़ने लगी. कुछ लोग गिर गए और भगदड़ मच गई. इस घटना में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि मरने वाले लोग ओडिशा के ही रहने वाले हैं और रथ यात्रा के लिए पुरी आए थे.
रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी शुभद्रा की मूर्तियों वाले तीन भव्य रथों को भक्तों की भारी भीड़ खींचती है. पवित्र रथों को गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है. जगन्नाथ मंदिर लौटने से पहले तीनों देवता एक सप्ताह वहां बिताते हैं
इस बार रथ यात्रा शुरू होने में देरी को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया था. बीजेडी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसे भयानक गड़बड़ी करार दिया था. उन्होंने कहा, 'हम बस प्रार्थना कर सकते हैं. महाप्रभु जगन्नाथ उन सभी को माफ करें जो इस साल इस दिव्य उत्सव पर हुई भयानक गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार हैं.' ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने श्री पटनायक का नाम नहीं लिया, लेकिन राजनीतिक बयान देने के लिए बीजेडी की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'अतीत में बीजेडी सरकार ने गलतियां कीं और भगवान जगन्नाथ का अपमान किया है.'
ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक ने ट्वीट किया, "मैं सारधाबली पुरी में हुई दुखद भगदड़ में अपनी जान गंवाने वाले तीन भक्तों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं. मैं महाप्रभु जगन्नाथ से इस विनाशकारी घटना में घायल हुए भक्तों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. आज की भगदड़, रथ यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन की भयावह विफलता के ठीक एक दिन बाद हुई जिसमें सैकड़ों लोग घायल हो गए. भक्तों के लिए एक शांतिपूर्ण उत्सव सुनिश्चित करने में सरकार की स्पष्ट अक्षमता को उजागर करता है.