अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए अभी भी करवा सकते हैं रजिस्ट्रेशन, आज से शुरू हुई तत्काल व्यवस्था
June 30, 2025
तीन जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। अब तक जिन भक्तों ने ऑनलाइन माध्यम से यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चल रही है। प्रशासन की तरफ से स्थापित केंद्रों पर सोमवार (30 जून) से रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ और पहले दिन ही बड़ी संख्या में भक्त विशेष केंद्र पर पहुंचे हैं। अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को बालटाल और पहलगाम मार्ग से शुरू होगी। बालटाल मार्ग 14 किलोमीटर का है, लेकिन यहां खड़ी चढ़ाई है। इस वजह से यह रास्ता बुजुर्गों के लिए नहीं है। वहीं, पहलगाम के रास्ते अमरनाथ गुफा की दूरी 48 किलोमीटर है।
अगर आप श्री अमरनाथ यात्रा पर आना चाहते हैं और पंजीकरण से चूक गए हैं तो चिंता न करें। जम्मू में सोमवार से पंजीकरण शुरू हो जाएगा। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर यात्रा के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं। जम्मू शहर में तत्काल पंजीकरण काउंटर लगाए गए हैं। दो जुलाई को भक्तों का पहला जत्था रवाना होगा और तीन तारीख से यात्रा शुरू होगी। यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, RFID कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म साथ रखना जरूरी है।
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए श्रद्धालुओं को आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट (SASB द्वारा अधिकृत डॉक्टर से), और अन्य पहचान पत्र (जैसे वोटर आईडी या पैन कार्ड) साथ ले जाना होगा। जम्मू में टोकन लेने के बाद, निर्धारित सेंटर पर मेडिकल सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज जमा कर रजिस्ट्रेशन पूरा किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन शुल्क: भारतीय नागरिकों के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुल्क 120 रुपये प्रति व्यक्ति और ऑनलाइन 220 रुपये प्रति व्यक्ति है।
रजिस्ट्रेशन के लिए केंद्र पर आए एक श्रद्धालु ने पहलगाम हमले के डर पर बात करते हुए कहा, "इस बार लोग उत्साहित हैं। कोई डर नहीं है। व्यवस्थाएं अच्छी हैं। प्रशासन हमारे साथ है।" एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, "आप लोगों में उत्साह देख सकते हैं। मुझे अमरनाथ में आस्था है। वे (आतंकवादी) जो चाहें कर सकते हैं, हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं सभी लोगों से जम्मू-कश्मीर आने का अनुरोध करना चाहता हूं ताकि हमारी सेना और सरकार यह कह सके कि हम उनकी (आतंकवादियों की) हरकतों से प्रभावित नहीं हैं।"
अमरनाथ यात्रा से पहले सीआरपीएफ ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जम्मू -श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) पर एक मजबूत बहुस्तरीय सुरक्षा योजना शुरू की है। जम्मू -श्रीनगर राजमार्ग हजारों तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण मार्गों में से एक है। सीआरपीएफ ने निगरानी बढ़ा दी है, हजारों तीर्थयात्रियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण मार्ग जम्मू -श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपने कर्मियों के साथ के-9 (डॉग) दस्ते तैनात किए हैं, और उधमपुर सेक्टर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए राजमार्ग गश्त को मजबूत किया है।