पेशे से परिचारिका सुनीता जामगड़े अपनी मां के साथ रहती थी। पिछले काफी समय से वह पाकिस्तान के एक व्यक्ति के साथ चैटिंग कर रही थी। बीते 4 मई को वह अपने 13 वर्षीय बेटे के साथ घर से यह कहकर निकली थी कि कानूनी कार्य के चलते अमृतसर जा रही है। 9 मई को वह कारगिल पहुंची और सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित हुंदरमान गांव के एक होटल में रुकी। 14 मई को सुनीता अचानक लापता हो गई, जबकि उसका बेटा होटल में ही था। जब सुनीता का कुछ पता नहीं चला, तो स्थानीय नागरिकों ने बेटे को पुलिस के संरक्षण में रख दिया।
जांच के बाद पता चला कि सुनीता ने LoC पार करके पाकिस्तान में एंट्री ले ली है, जहां उसे पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया। भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनावपूर्ण स्थिति के बीच, इस घटना के सामने आने से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं। पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसी ने सुनीता से पूछताछ और जांच-पड़ताल करने के बाद उन्हें अटारी बॉर्डर से सीमा सुरक्षा बल (BSF) के हवाले कर दिया। BSF ने प्राथमिक पूछताछ के बाद सुनीता को अमृतसर पुलिस को सौंप दिया।
नागपुर के डीसीपी जोन 5 निकेतन कदम ने बताया कि सुनीता को अपनी हिरासत में लेने के लिए एक अधिकारी और दो महिला कांस्टेबल अमृतसर भेजी गई हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागपुर आने के बाद सुनीता से विस्तृत पूछताछ की जाएगी, ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि वह जासूसी या किसी अन्य गैर कानूनी गतिविधि में शामिल थीं या नहीं। यह भी पता चला है कि लापता होने से पहले सुनीता एक पाकिस्तानी नागरिक के संपर्क में थी और उनसे मिलने के लिए ही उसने सीमा पार की थी। सुनीता का 13 वर्षीय बेटा इस समय चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की कस्टडी में है।