निशिकांत दुबे ने इंदिरा गांधी के बहाने कांग्रेस को फिर किया टारगेट
May 25, 2025
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीजफायर को लेकर देश में राजनीति चरम पर है. कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला कर रही है और 1971 के युद्ध को याद करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के फैसलों से उनकी तुलना कर रही है. मामले पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे लगातार कांग्रेस को निशाने पर ले रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में उन्होंने एक बार फिर इंदिरा गांधी के फैसले पर सवाल उठाए हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, “आयरन लेडी इंदिरा जी... क्या आपको पता है कि 1971 के युद्ध के बाद तत्कालीन सेनाध्यक्ष सैम मानेकशॉ जी की लोकप्रियता से घबराकर उन्होंने 1973 में सेना का one rank one pension बंद कर दिया. युद्ध के नायक जनरल सैम मानेकशॉ को 1973 में फील्ड मार्शल बनाने के बाद भी उनको पेंशन,गाड़ी,सुविधा देना बंद कर दिया,फील्ड मार्शल को आजीवन यह सुविधा दी जाती है. राष्ट्रपति कलाम साहब ने यह सम्मान उनको 34 साल बाद 2007 में दिया. सत्ता में रहने का यह डर और कार्य इंदिरा गांधी जी को यदि आयरन लेडी बनाता है तो?”
इससे पहले उन्होंने इंदिरा गांधी के एक फैसले के बारे में पोस्ट करते हुए कहा था कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व में ही भारत ने 1968 में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के लिए सहमति व्यक्त की थी, जिसकी वजह से आखिरकार देश को कच्छ के रण का 828 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पाकिस्तान को सौंपना पड़ा.
उन्होंने कहा, "आज की कहानी बहुत दर्दनाक है. कांग्रेस. 1965 के युद्ध में जीत के बाद, पार्टी ने 1968 में गुजरात के कच्छ के रण का 828 वर्ग किलोमीटर हिस्सा पाकिस्तान को दे दिया. हम भारत-पाकिस्तान मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाया, यूगोस्लाविया के वकील अली बाबर को मध्यस्थ नियुक्त किया. पूरी संसद ने इसका विरोध किया, लेकिन इंदिरा गांधी आयरन लेडी थीं, उन्होंने डर के मारे हमारा हिस्सा नीलाम कर दिया. यही आयरन लेडी की सच्चाई है. कांग्रेस का हाथ हमेशा पाकिस्तान के साथ रहता है.
कांग्रेस नेताओं ने कई सार्वजनिक बयानों में इंदिरा गांधी को 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान एक मजबूत नेता के रूप में याद किया. उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय के बाहर "इंदिरा होना आसान नहीं" और "भारत को इंदिरा की याद आती है" जैसे नारे लिखे पोस्टर भी लगाए.