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अमेठीः वैक्सीन प्रिवेंटेबिल डिजीजेस की रीयल टाइम डिजिटल संर्विलांस प्रारंभ


अमेठी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 अंशुमान सिंह ने बताया कि जनपद में वैक्सीन प्रिवेंटेबिल डिजीजेस की रीयल टाइम डिजिटल संर्विलांस प्रारंभ किया गया जिसे 01 मई से जनपद में यूनीफाइड डिजीज सर्विलान्स पोर्टल (यूडीएसपी) पर वैक्सीन प्रिवेन्टेबिल डिजीजेस (वीपीडी) का डिजिटल सर्विलान्स शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस पहल से रीयल टाइम केस रिपोर्टिंग, सटीक और विश्वसनीय डेटा संग्रह को सक्षम करेगी व इससे रोगों के प्रकोपों का शीघ्र पता लगाया जा सकेगा ताकि त्वरित गति से प्रभावी रणनीतियां तैयार कर उनका क्रियान्वयन किया जा सके। उन्होंने बताया कि वैक्सीन से रोकी जा सकने वाली 6 बीमारियों पोलियो माइलाइटिस (एक्यूट प्लेसीड पैरालिसिस), खसरा, रूबेला, डिप्थीरिया, पर्दुसिस और टिटनेस के लिए केस बेस्ड सर्विलांस, विश्व स्वास्थ्य संगठन के राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य सहयोग नेटवर्क (एनपीएसएन) के सहयोग से यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम के तहत चल रही है तथा अब पहली बार इस निगरानी को यूडीएसपी में इंटीग्रेट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के बाद विकसित एक राज्य के स्वामित्व वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, इसका उद्देश्य राज्य के लिए एकीकृत निगरानी प्रणाली के रूप में कार्य करना है एवं ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है तथा इसे शुरू में मई 2023 में 12 अधिसूचित रोगों के लिए लॉन्च किया गया था और तब से यह बड़े पैमाने पर क्रियाशील है। उन्होंने लॉन्च के बारे में बताया कि यूनीफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल (यूडीएसपी) के माध्यम से टीकों से रोकी जा सकने वाले रोगों की डिजिटल निगरानी से जिला और ब्लॉक के बीच तीव्र गति से संवाद संभव हो सकेगा एवं इससे इन रोगों की शीघ्र पहचान और पब्लिक हेल्थ रेस्पांस की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा तथा इससे हमें समय पर सटीक डेटा मिलने व टीकाकरण कार्यक्रमों की बेहतर योजना तैयार कर निगरानी की जा सकेगी, साथ ही टीकाकरण कवरेज में सुधार के लिए त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी इसके अलावा इस प्लेटफॉर्म का एक प्रमुख लाभ यह भी है कि नागरिक कोविड रिपोर्ट की तरह अन्य लैब रिपोर्ट ऑनलाइन आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। इस पहल को सफल बनाने के लिए सभी स्वास्थ्य अधिकारियों और स्टाफ की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है। इस क्रम में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ महेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि एनएचएम के शुरू होने के बाद टीकाकरण परिणामों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रह जाए, नियमित टीकाकरण के अलावा हर साल सभी बच्चों तक पहुँचने पर ध्यान केंद्रित करते हुए विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाता हैं। पिछले दो-तीन वर्षों में डिप्थीरिया के मामलों में उम्र के हिसाब से बदलाव देखा गया है तथा यूडीएसपी पर वीपीडी निगरानी लाने से इन रोगों के बारे में हमारी समझ और बेहतर होगी और भविष्य की कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी इसके साथ ही जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि इस साल 24 अप्रैल से शुरू हुए विश्व टीकाकरण सप्ताह के तहत पूरे प्रदेश में स्कूल-आधारित टीडी टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है जिसमें सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में कक्षा 5 और कक्षा 10 के छात्रों को उनके स्कूलों में मुफ्त टीडी टीके लगाए जा रहे हैं तथा इन प्रयासों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी बच्चा टीकाकरण के अभाव में सुरक्षित भविष्य से वंचित न रहे।

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