बाराबंकीः महंत की हत्या के आरोपी तीन सगे भाइयों समेत चार को उम्रकैद
May 30, 2025
बाराबंकी। फतेहपुर जनपद के ग्राम मसूदपुर में 23 साल पहले हुई एक दर्दनाक हत्या का इंसाफ आखिरकार मिल गया। राम जानकी मठ के महंत रामकरण दास की हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट अमित सिंह प्रथम (एचजेएस) ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीन सगे भाइयों सहित चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही सभी दोषियों पर 22-22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
न्यायालय ने अभियुक्त मुनेश्वर प्रसाद वर्मा को आयुध अधिनियम के तहत एक साल की अतिरिक्त सजा और एक हजार रुपये जुर्माने से भी दंडित किया। हालांकि, गैंगस्टर एक्ट में पर्याप्त साक्ष्य न होने पर सभी आरोपियों को उस मामले में दोषमुक्त कर दिया गया।
यह पूरा मामला एक जमीनी रंजिश से जुड़ा था, जिसमें मठ की आठ बीघा जमीन को लेकर महंत रामकरण दास और गांव के ही रमापति वर्मा व मुनेश्वर वर्मा के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। 12 अगस्त 2002 की रात वह भयावह घड़ी आई जब महंत अपने बेटे के साथ घर के बाहर सो रहे थे। तभी चारों अभियुक्त हथियारों से लैस होकर आए और गालियां देते हुए महंत पर हमला बोल दिया। मुनेश्वर ने सीने पर गोली मार दी, जिससे महंत गम्भीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
इस हृदयविदारक घटना के प्रत्यक्षदर्शी खुद महंत के बेटे, पत्नी और बेटी थे। उन्होंने साहस के साथ कोर्ट में बयान दिए और पूरे मामले को न्याय तक पहुंचाया।
सरकारी वकील सुनील कुमार दुबे व विशेष लोक अभियोजक रमेश चंद्र वर्मा ने मजबूती से पक्ष रखा। कोर्ट में पेश गवाहों के बयान, हत्या में प्रयुक्त असलहे की बरामदगी और जमीनी विवाद के साक्ष्यों को स्वीकार करते हुए अदालत ने चारों आरोपियों को हत्या का दोषी ठहराया।