अमेठीः मोबाइल इंटरनेट को न बनाये जीवन का जरूरी अंगः अधिक प्रयोग बना सकता है मानसिक रोगी
May 06, 2025
अमेठी। इंटरनेट व मोबाइल समय की मांग है। वहीं दूसरी तरफ यह दो धारी तलवार बनता जा रहा। इसके अधिक प्रयोग से युवा मानसिक रोग के शिकार हो रहे हैं। इससे बचने व कम प्रयोग के लिए मनोचिकित्सक सलाह दे रहे हैं। संयुक्त जिला चिकित्सालय में तैनात मनोचिकित्सक विशेषज्ञ डॉ. प्रणव गौतम का कहना हैकि आधुनिक समय में इंटरनेट जहां एक तरफ बहुत जरूरी और समय की मांग बन गया है। वहीं दूसरी तरफ यह एक दो धारी तलवार के सरीखे है। जिसके नकारात्मक प्रभाव भी समाज में देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिकन साइकैट्रिक एशोसिएशन ने अन्य मादक पदार्थो जैसे - तंबाकू,एवं शराब की तरह ही इंटरनेट में भी लत लगाने की क्षमता होती है। इसके लक्षण भी अन्य मादक पदार्थों की लत से मिलते जुलते हैं। जिसे इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर कहा जाता है।
इसके लक्षण-
उन्होंने कहा कि इंटरनेट का अधिक उपयोग करना एवं इसके अभाव में बोर होना,घबराहट, उदासी या चिड़चिड़ापन महसूस होना है। डॉ प्रणव ने कहा कि अधिक इंटरनेट उपयोग के कारण पढ़ाई,समाज से दूरी,ऑनलाइन गेम में व्यस्त रहना, जुए की लत जैसे क्रिकेट में टीम बनाना एवं धन का नुकसान होना है। इसके अलावा सेहत का नुकसान होना है। क्योंकि ऑनलाइन रहने के कारण शारीरिक व्यायाम व खेल छूट जाते हैं।
कारण-
संकोची व शरमाने वाले अधिकतर युवा अपने को समाज से अधिक सोशल मीडिया पर सहज महसूस करते हैं। अत्यंत सुलभ व प्रचलन में होने के कारण एवं लत लगने की प्रबल क्षमता के कारण अपने वास्तविक जीवन में असफल होने पर वह अपने को बेहतर फील होने के लिए अपनी अलग दुनिया बना लेते हैं।
बचाव-
अपने इंटरनेट उपयोग का ध्यान रखना, अपने विचार, व्यवहार एवं मानसिक दशा पर नजर बनाए रखना है। उन्होंने बताया कि इंटरनेट का सकारात्मक उपयोग करें। इसके नकारात्मक उपयोग जैसे खेल,मनोरंजन एवं समय को बर्बाद करने से बचें। सामाजिक कार्यों एवं शारीरिक व्यायाम को नियमित रूप से करें। किसी प्रकार की समस्या होने पर पहले अपने परिवार के बड़ों तथा जरूरत होने पर मानसिक रोग विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।