आदमी बुलबुला है पानी का, क्या भरोसा है जिंदगानी का। लेकिन इसके बाद भी लोग गफलत में जीते हैं। अब जैसे अपनी सेहत बनाए रखने के लिए पैदल चलना एक बेहतरीन तरीका है जिसमें न तो कोई खर्चा है और न ही किसी ट्रेनिंग की जरूरत है। लेकिन बावजूद इसके लोग वॉक करने से बचते हैं जबकि रोज सिर्फ 10 हजार कदम चलने से 100 बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। दस हजार स्टेप्स तो दूर की बात है, यहां तो लोगों से हर दिन एवरेज पांच हजार कदम भी पूरे नहीं हो पाते हैं जो ग्लोबल एवरेज काउंट से बेहद कम है। डेनमार्क में औसतन लोग हर दिन करीब 7 हजार कदम चलते हैं, पोलैंड, स्वीडन, नीदरलैंड में साढ़े छह हजार के करीब और स्विट्जरलैंड के लोग भी हर दिन 6 हजार से ज्यादा स्टेप काउंट ही पूरा कर पाते हैं। ये डेटा, हम इंडियंस की लेस फिजिकल एक्टिविटी का सबूत है।
यही वजह है कि भारत लाइफ स्टाइल की तमाम बीमारियों का कैपिटल बनता जा रहा है। छोटे-छोटे बच्चे शुगर-बीपी-हार्ट प्रॉब्लम-मोटापे की गिरफ्त में आ रहे हैं। हार्मोनल प्रॉब्लम की वजह से प्रॉपर ग्रोथ नहीं हो रही और यंग एज में थायराइड-PCOD की परेशानी बढ़ रही है। हार्मोनल प्रॉब्लम इन दिनों काफी कॉमन है। लोग शुगर और मोटापे पर शरीर में 100 बीमारी लाने का इल्जाम लगाते हैं जबकि बॉडी में हार्मोन्स का इम्बैलेंस उससे भी घातक है। ये गेट वे नहीं, बीमारियों का एक्सप्रेस वे बनता जा रहा है। शरीर को चलाने वाले सारे सिस्टम-फंक्शन हार्मोन्स से ही कंट्रोल होते हैं और बड़ी बात ये है कि जीवन भर गोली खाकर आप हार्मोन्स को कंट्रोल कर सकते हैं। लेकिन रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाकर हार्मोन्स को हमेशा के लिए बैलेंस कर सकते हैं यानी क्योर कर सकते हैं। तो शुरुआत कीजिए, संकल्प लीजिए कि हर रोज कम से कम दस हजार कदम चलेंगे और 30 मिनट योग करेंगे ताकि शरीर के तमाम हार्मोन्स-बीपी-शुगर सब बैलेंस रहे और लाइफ सेहत की पटरी पर सरपट दौड़ती रहे।
थायराइड के लक्षण
- घबराहट
- चिड़चिड़ापन
- थकान
- तेज धड़कन
- चक्कर
- बाल झड़ना
- बॉडीपेन
- हाथों में कंपन
- नींद की कमी
- मेटाबॉलिज्म कमजोर
- स्किन प्रॉब्लम
- हार्मोनल इम्बैलेंस
- दिल और दिमाग को रेगुलेट करता है
- शरीर के हर पार्ट पर असर डालता है
क्यों होता है थायराइड?
- तनाव
- बिगड़ा लाइफस्टाइल
- गलत खानपान
- आयोडिन की कमी
- जेनेटिक
- डिप्रेशन की दवाई से
- डायबिटीज की बीमारी
- वर्कआउट की कमी
- थायराइड से बीमारियां
- प्रेगनेंसी में दिक्कत
- हार्ट की बीमारी
- आर्थराइटिस
- डायबिटीज
- कैंसर
- ओबेसिटी
- अस्थमा
- अलसी
- नारियल
- मुलेठी
- मशरूम
- हल्दी दूध
- दालचीनी
- तुलसी-एलोवेरा जूस
- रोजाना त्रिफला 1 चम्मच
- रात में अश्वगंधा और गर्म दूध
- धनिया के बीज पीसकर पानी के साथ पिएं
- डेयरी प्रोडक्ट
- सोयाबीन
- अखरोट
- बादाम
- ओट्स
- बॉडी में आयरन बढ़ेगा, कोल्ड इनटॉलरेंस घटेगा
- पालक
- चुकंदर
- मटर
- अनार
- सेब
- किशमिश