पीलीभीत। जनपद के थाना क्षेत्र के नजीरगंज गांव में मंगलवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जब खेत में सिंचाई कर रहे किसान हंसराज (50) पर बाघ ने हमला कर दिया हमले में किसान की मौके पर ही मौत हो गई मृतक किसान का शव गांव से करीब 300 मीटर दूर तिरमल के खेत में मिला इस घटना के बाद जहां पूरे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है इसकी सूचना मिलते ही सेहरामऊ उत्तरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया घटना खुटार रेंज के अंतर्गत हुई लेकिन चैंकाने वाली बात यह रही की रेंज का कोई भी कर्मचारी रात में मौके पर नहीं पहुंचा हरीपुर रेंज के रेंजर अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे वहीं ग्रामीणों ने वन विभाग की इस लापरवाही पर जमकर नाराजगी जताई और विभाग के खिलाफ नारेबाजी की ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में कई महीनो से बाघ सक्रिय है उन्होंने इस बार वन विभाग को सूचना दी लेकिन विभाग ने ना तो बाघ पकड़ने की कोशिश की और ना ही उसे जंगल की ओर खदेड़ा गया नतीजा यह हुआ कि एक और किसान को अपनी जान गंवानी पड़ी अगर वन विभाग की टीम सूचना के बाद ही अगर कार्रवाई करती तो यह किसान को अपनी जान गवानी नहीं पड़ती वहीं मृतक के बेटे ने दर्दनाक आप बीती बताते हुए कहा कि पापा शाम को खेत में पानी लगाने गए थे खाना खाने घर लौटे और फिर रात में खेत पर चले गए जब देर रात तक वह घर नहीं लौटे तो परिजनों को चिंता हुई जब हम लोग खेत पर पहुंचे तो वहां खून से सने कपड़े मिले और इसकी खोजबीन के दौरान तिरमल के खेत में मेरे पिताजी का शव पड़ा मिला जिसे बाग खा रहा था शोर मचाने पर हालांकि भाग तो भाग गया लेकिन तब तक मेरे पिताजी की मौत हो चुकी थी वही हंसराज के परिवार में पत्नी और चार बेटे हैं परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है वहीं रो रो कर परिजनों ने कहा अब हमें अपने खेतों पर जाने से डर लगने लगा है हम लोग अब खेती कैसे करेंगे परिवार का पालन पोषण भी कैसे होगा उन्होंने वन विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि घटना की सूचना के बावजूद भी विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया इसी बात को लेकर परिजनों सहित पूरे ग्रामीण में वन विभाग के खिलाफ भारी रोष हैं
पीलीभीत में पहले भी हो चुकी है बाघ के हम लोग की कई घटनाएं ऐसे में इन सभी घटनाओं साफ है कि क्षेत्र में बाघों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है लेकिन वन विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है गुस्साए ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि इस समस्या का स्थाई समाधान निकाला जाए ताकि लोग सुरक्षित होकर खेतों में काम कर सकें।