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बाराबंकीः छात्रावास में 5 लाख का घोटाला उजागर, समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण की सख्ती से मचा हड़कंप


रामनगर/बाराबंकी। शिक्षा और सामाजिक न्याय की नींव माने जाने वाले अनुसूचित जाति छात्रावास में मेंटेनेंस के नाम पर हुए पाँच लाख रुपये के घोटाले ने एक बार फिर सरकारी सिस्टम की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है। रामनगर पीजी कॉलेज परिसर स्थित छात्रावास का जब समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने सोमवार को औचक निरीक्षण किया, तो वहां की स्थिति देखकर वह स्तब्ध रह गए।छात्रों के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण की अपेक्षा रखने वाला यह छात्रावास गंदगी और बदहाली से भरा मिला। जब छात्रावास अधीक्षक संतोष कुमार ने ‘सॉरी’ कहकर स्थिति को टालने की कोशिश की, तो मंत्री का गुस्सा फूट पड़ा ष्शर्म आनी चाहिए आपको!ष्मंत्री को बताया गया कि हाल ही में छात्रावास की मरम्मत पर पाँच लाख रुपये खर्च किए गए हैं। दस्तावेजों में सैकड़ों स्विच, बोर्ड, ट्यूबलाइट और बल्ब होल्डर लगाए जाने की बात दर्ज थी। लेकिन जब मंत्री ने स्वयं मौके पर जाकर स्थिति देखी, तो सामने आया कि न तो कोई नया बोर्ड लगाया गया है और न ही अधिकांश स्विच बदले गए हैं। कुल 250 की जगह मात्र 39 स्विच ही मौजूद थे।इस घोटाले में जिला समाज कल्याण अधिकारी सुषमा वर्मा और छात्रावास अधीक्षक संतोष कुमार की संलिप्तता पाए जाने पर मंत्री ने दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और समाज कल्याण निदेशालय से अटैच करने का आदेश जारी कर दिया। इसके साथ ही अयोध्या के डिप्टी डायरेक्टर को विस्तृत जांच सौंपते हुए दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने और सरकारी धन की वसूली के निर्देश दिए गए हैं।

इस सख्त कार्रवाई के बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया है। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ और दलित समुदाय के हकों पर डाका डालने वाली यह घटना प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। मंत्री की संवेदनशीलता और त्वरित निर्णय ने न केवल भ्रष्टाचारियों को चेताया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि यदि नेतृत्व ईमानदार हो तो व्यवस्था बदलना नामुमकिन नहीं।

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