जनपद न्यायाधीश प्रतिमा श्रीवास्तव के नेतृत्व में न्याय के महायज्ञ में सभी न्यायिक अधिकारियों ने निभाई निर्णायक भूमिका, लाखों वादकारियों को मिला न्याय और राहतबाराबंकी। एक ओर जहाँ आम आदमी वर्षों तक न्याय की प्रतीक्षा करता है, वहीं जिले की राष्ट्रीय लोक अदालत ने शनिवार को न्याय प्रक्रिया को सजीव कर दिखाया। प्रतिमा श्रीवास्तव, जनपद न्यायाधीश (अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) के नेतृत्व में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी न्यायालयों द्वारा कुल 1,39,389 मामलों का निस्तारण कर लगभग 19.64 करोड़ रुपये की धनराशि अर्थदण्ड व प्रतिकर के रूप में जमा कराई गई।
यह अद्वितीय आयोजन केवल आंकड़ों का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा थी ,जहाँ न्याय ने केवल कागजों पर नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में उतरकर उन्हें राहत दी।कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के समक्ष माल्यार्पण के साथ हुई। इस न्यायिक महोत्सव में प्रमुख रूप से सत्यदेव गुप्ता (प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय), विनय कुमार सिंह (एडीजे प्रथम), प्रण विजय सिंह (एडीजेध्नोडल अधिकारी), श्रीकृष्ण चन्द्र सिंह (सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) समेत अनेक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी एवं अधिवक्ता उपस्थित रहे।
इस न्याय सेवा यात्रा में सिविल कोर्ट के विभिन्न न्यायालयों ने 22,326 वादों का निस्तारण कर 2.61 करोड़ रुपये वसूले। वहीं प्री-लिटिगेशन स्तर पर 1,17,063 मामलों के निस्तारण से 17 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली हुई। जनपद न्यायाधीश प्रतिमा श्रीवास्तव ने स्वयँ एक वाद का निस्तारण कर इस न्याय सेवा के महायज्ञ में आहुति दी।जबकि सत्यदेव गुप्ता ने 41 वादों, प्रण विजय सिंह ने समन्वय के रूप में,
राकेश कुमार सिंह ने 200, सत्यवीर सिंह यादव, वीना नारायण, परशु राम, राजीव कुमार, सत्येन्द्र प्रकाश पाण्डेय, श्री कृष्ण कुमार, ज्ञान प्रकाश शुक्ल, अंजनी कुमार सिंह ने समर्पण भाव से सैकड़ों वादों का निस्तारण किया।मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सुधा सिंह ने सर्वाधिक 8287 वादों का निस्तारण कर जिले को गौरवांवित किया।इसी तरह
शाम्भवी यादव, रूचि तिवारी, शिवानी रावत, दिवाकर कुमार, उज्ज्वल उपाध्याय, क्षितीश पाण्डेय, प्राची अग्रवाल, सक्षम द्विवेदी, श्रद्धा लाल, वंदना, सबा फातिमा, ललित सिंह, प्रीती भास्कर, वीरेन्द्र प्रताप सिंह, हरिहर कुमार जैसे कई न्यायिक अधिकारियों ने अपने अथक परिश्रम से लोक अदालत को सफल बनाया।राजस्व न्यायालयों में 73,662 वादों, बैंकों में 965 एनपीए खातों तथा विभिन्न विभागों जैसे चिकित्सा, मनरेगा, विद्युत, समाज कल्याण, श्रम, डाक, राज्य कर, स्टाम्प, उपभोक्ता फोरम आदि के कुल हजारों मामलों का समाधान एक ही दिन में हुआ।
जिला न्यायाधीश प्रतिमा श्रीवास्तव ने न्यायालय परिसर में वृक्षारोपण किया, पिंक शौचालय का उद्घाटन किया और पारिवारिक न्यायालय द्वारा विदा किए गए 21 जोड़ों को मिठाई भेंटकर न्याय के साथ मानवता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।चिकित्सा विभाग द्वारा लगाए गए स्वास्थ्य परीक्षण शिविर, हेल्प डेस्क, पेयजल, बिस्किट वितरण जैसी व्यवस्थाओं ने इस आयोजन को जिला न्यायाधीश ने मानवीय स्पर्श प्रदान किया।
यह लोक अदालत सिर्फ वादों का निर्णय नहीं, बल्कि लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौटाने की एक सशक्त पहल थी जहाँ न्याय का चेहरा संवेदनशील, सजीव और सहृदय दिखाई दिया।