कई राजनीतिक पार्टियों के चलते हैं विद्यालय बच्चे के पढ़ाई के लिए गार्जियन को चुकाना पड़ता है मोटी रकम।
दिनेश पाण्डेय(ब्यूरो)
सोनभद्र। डीएम के निर्देश पर डीआईओएस और बीएसए ने नगर के कई स्कूलों का निरीक्षण किया एनसीईआरटी की किताबाें से पढ़ाई कराने और फीस न बढ़ाने की हिदायत दी। भ्रमण के दौरान वहां के प्रधानाचार्य और प्रबंधन से मिलकर कॉपी-किताब, ड्रेस की उपलब्धता और फीस के बारे में जानकारी ली। स्पष्ट हिदायत दी कि एनसीईआरटी की निर्धारित पुस्तकों से ही पठन-पाठन कराया जाए। इस दौरान कई वर्षों से कैनाल रोड पर संचालित बुक डिपो को बंद कराया। यह दुकान कान्वेंट निजी स्कूल के पास खोली गई थी, जहां से सिर्फ उसी स्कूल की कॉपी-किताब की बिक्री की जा रही थी। वहां की गतिविधियों को संदिग्ध देख टीम ने कार्रवाई की।
डीआईओएस जयराम सिंह और बीएसए मुकुल आनंद पाण्डेय की टीम ने स्कूल प्रबंधन को आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों का प्रवेश अनिवार्य रूप से लेने का निर्देश दिया। यह भी कहा कि वर्ष 2024-25 और 2025-26 में शुल्क का अंतर शून्य किया जाए। एनसीईआरटी से निर्धारित पाठ्य-पुस्तकों के अलावा कोई अन्य किताबें न दी जाएं। पाठ्य पुस्तकों के लिए छात्र-छात्राओं और अभिभावकों पर बेवजह दबाव न बनाएं। अभिभावकों, विद्यार्थियों को यह छूट दी जाय कि वह अपनी इच्छा से किसी भी दुकान से पाठ्य पुस्तक खरीद सकें। किसी विशेष दुकान से पुस्तक लेने की बाध्यता नहीं होगी। दिव्यांग छात्र-छात्राओं को पीडब्ल्यूडी एक्ट 2016 के अंतर्गत प्रवेश और पूर्ण शिक्षण योजना उसी के अनुरूप सुनिश्चित की जाय। अफसरों ने कहा कि प्रवेश शुल्क, सिक्योरिटी मनी, रजिस्ट्रेशन शुल्क केवल एक बार ही लिया जाए। डीएम के निर्देश पर रॉबर्ट्सगंज नगर व आसपास के कई निजी विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया। वहां की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी लेते हुए शासन के निर्देशों से अवगत कराया गया है। सभी को हिदायत दी गई है कि तीन दिन के अंदर निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए आख्या उपलब्ध कराएं।