सोनभद्र। ओबरा तहसील क्षेत्र में चल रहे पत्थर खदान अराजी सख्या 7407 के खिलाफ प्रार्थी अनिल सिंह पुत्र स्व० अमर बहादुर सिंह निवासी ओबरा, पट्टा धारक संतोष कुमार पुत्र माता प्रसाद मकान न. 15/160, वार्ड 13, चूड़ी गली, ओबरा के साथ सहमति पत्र के अनुसार व साझेदारी अनुबंध के आधार पर पट्टे में 25 प्रतिशत, पट्टे सम्बन्धित सभी कार्यभार व अन्य और व्यवसायिक कार्य देखने का दायित्व ईमानदारी से निभा रहा है. खदान लीज होने के बाद से सभी कार्य व लेन देन सुचारू रूप से चल रहा था संतोष कुमार द्वारा विगत वर्ष कुछ आवश्यक कार्य बताकर हमारे हिस्से का पैसा अपने व्यक्तिगत कार्य में खर्च किए और कहा कि आगे इसका हिसाब करके आपके हिस्से का पैसा मै दे दूँगा। चूँकि प्रार्थी खदान सम्बधित सभी कार्य देख रहा है इसी कारण बाजार की काफी देनदारियों हो गयी है. इस देनदारियों के कारण प्रार्थी काफी मानसिक परेशान रहने लगा, जब प्रार्थी को लगने लगा कि सब कुछ ठीक हो गया है तो प्रार्थी इनके भाई गोविंद अग्रहरी के नवाडा पेट्रोल पम्प पर दिनांक 09.04.2025 को हिसाब किताब के लिए संतोष कुमार से बात चीत करने गया लेकिन वह मेरे पैसे का हिसाब किताब नही करना चाह रहे है जिसके कारण वहाँ पर आपस में काफी बहस भी हुआ प्रार्थी फिर अपने हिस्से का पैसा लगभग 3500000/- माँगने लगा तो यह लोग कहने लगे कि कुछ नही मिलेगा जो करना है वह कर लों, फिर प्रार्थी वहाँ से मायूस होकर वापस अपने घर आ गया। प्रार्थी इनके इस कृत्य से काफी मानसिक रूप से परेशान हो गया है और समाज में इनके कारण हम प्रार्थी की काफी बदनामी भी हो रही हैं। वही इस सम्बंध में अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह से सीयूजी नम्बर पर बात हुई तो उन्होंने कहा कि पट्टेदारी का मामला हैं जिमसें अनिल सिंह 25 -/- का हिस्सेदारी हैं जिसमे सन्तोष अग्रहरि द्वारा नही दिया जा रहा है जांच हेतु ओबरा इंस्पेक्टर को सौपा गया हैं।
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