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लखनऊ : गुरु-शिष्य हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ सफल आयोजनः जरी कढ़ाई में युवाओं को मिला स्वर्णिम अवसर


लखनऊ । उन्नाव स भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के अधीन विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) द्वारा प्रायोजित तथा सितारा फाउंडेशन, लखनऊ द्वारा आयोजित गुरु-शिष्य हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह दो महीने का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम सफीपुर, उन्नाव में आयोजित किया गया, जिसमें पारंपरिक जरी वर्क (जरी कढ़ाई) की कला में युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले नवोदित कलाकारों को पारंपरिक हस्तशिल्प की विधाओं से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था। यह प्रशिक्षण हस्तशिल्प क्षेत्र में कौशल विकास योजना के अंतर्गत हुआ, जिसमें अनुभवी कारीगरों ने गुरु के रूप में शिष्यों को प्रशिक्षण दिया।कार्यक्रम की स्वीकृति भारत सरकार की ओर 18 जून 2024 को प्रदान की गई थी।जरी वर्क की बारीकियों और पारंपरिक तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी गई।प्रशिक्षुओं को व्यावसायिक दृष्टिकोण से प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वे आगे स्वरोजगार के अवसर तलाश सकें।प्रशिक्षण के अंत में प्रतिभागियों द्वारा बनाई गई कढ़ाई की वस्तुओं की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।

स्थानीय महिलाओं और युवाओं ने भारी संख्या में भाग लेकर इस कला के प्रति अपनी रुचि को दर्शाया।सितारा फाउंडेशन, लखनऊ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को स्थानीय प्रशासन व समाजसेवियों का भी पूरा सहयोग मिला। संस्था की ओर से अध्यक्ष पूनम झा ने यह आशा जताई गई कि आने वाले समय में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से अधिक से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा और पारंपरिक भारतीय हस्तशिल्प कलाओं को वैश्विक मंच पर पहुंचाया जाएगा।इस कार्यक्रम ने न सिर्फ कारीगरों को नया जीवन दृष्टिकोण दिया, बल्कि जरी कढ़ाई जैसी लुप्त होती कलाओं के संरक्षण की दिशा में एक सशक्त पहल भी सिद्ध हुई। संस्था के सचिव अमित भट्ट ने कहा कि यह कार्यक्रम्भ हमारे देश की पारंपरिक कला को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक छोटा लेकिन सशक्त कदम है स जरी वर्क जैसे शिल्प न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत है , बल्कि यह आज के समय में युवाओं के लिए आत्मनिर्भता का माध्यम भी बन सकते है स सितारा फाउंडेशन का प्रयास है कि ऐसी कलाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जाए और कारीगरों को उनके कौशल के लिए सम्मान और आजीविका दोनों प्राप्त हो स हम आगे भी ऐसे कार्यक्रम निरंतर आयोजित करते रहेंगे।

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