अमेरिका के राष्ट्रपति ने स्टॉक मार्केट की धज्जियां उड़ा दी-राहुल गांधी
April 07, 2025
बिहार के बेगूसराय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'पलायन रोको, नौकरी दो' पदयात्रा में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा जैसे अहम मुद्दों पर युवाओं को जागरूक किया. राहुल गांधी ने बताया कि हाल ही में वे संदीप दीक्षित के पॉडकास्ट में शामिल हुए, जो पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं. वहां उनसे पूछा गया कि उनके परदादा पंडित नेहरू असल में क्या थे- प्रधानमंत्री, नेता या स्वतंत्रता सेनानी?
राहुल ने जवाब में कहा कि जब उन्होंने इस पर सोचना शुरू किया, तो उन्हें अहसास हुआ कि उनके परदादा नेहरू और महात्मा गांधी दोनों सच्चाई से गहरा जुड़ाव रखते थे. उन्होंने आगे कहा कि यही विचारधारा अंबेडकर, सावित्रीबाई फुले, भगवान बुद्ध, गुरु नानक, कबीर और नारायण गुरु में भी दिखती है. सभी सच्चाई और न्याय की राह पर चले.
राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय संविधान कोई नई चीज़ नहीं है, बल्कि यह हज़ारों साल पुरानी उस सोच का विस्तार है, जिसमें समानता और न्याय की भावना है. संविधान में अंबेडकर, फुले और नेहरू जैसे महापुरुषों की सोच झलकती है. उन्होंने यह भी कहा कि सावरकर की सोच इसमें शामिल नहीं है क्योंकि वो “सच्चाई की राह पर नहीं चल सके.”
राहुल गांधी ने अमेरिकी स्टॉक मार्केट का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां से करोड़ों का फायदा तो हुआ, लेकिन आम लोगों को उसका कोई लाभ नहीं मिला. भारत में भी यही स्थिति है. सिर्फ गिने-चुने लोगों को आर्थिक लाभ होता है.
उन्होंने दो उदाहरण दिए: एक ऑर्थोपेडिक सर्जन और एक IIT प्रोफेसर. उन्होंने बताया कि दोनों में काबिलियत है, लेकिन अगर वो पिछड़े वर्ग (OBC/EBC) से आते हैं तो सिस्टम उन्हें आगे नहीं बढ़ने देता. बैंक लोन नहीं मिलता, अस्पताल नहीं खोल सकते, और सरकारी अफसरशाही उनका रास्ता रोकती है.
राहुल गांधी ने कहा कि तेलंगाना में जाति जनगणना हुई, जिससे यह साफ हुआ कि सरकारी बैंकों से जिन लोगों को लोन मिलता है, उनमें EBC, OBC या दलित समुदाय के लोग नहीं होते. इन बैंकों के मालिक, CEO और मैनेजमेंट में भी इन वर्गों का प्रतिनिधित्व नहीं है. वह लगभग शून्य है.