- कार्रवाई के नाम पर कच्छप गति से चल रहे अधिकारी
अमेठी। किसान अपनी उपज का उचित मूल्य पाने के लिए परेशान हैं। वहीं ट्रेडिंग कंपनियां गेहूं डंप कर मालामाल हो रही है। अधिकारी भी कार्रवाई के नाम पर कच्छप गति से काम कर रही हैं। अब तक 23 दिन में महज 13 हजार क्विंटल गेहूं की सरकारी खरीद हो सकी है। हलांकि अभी सभी किसानों का गेहूं तैयार नहीं हो पाया है। सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों पर किसानों से खरीद करने के लिए 17 मार्च से शुरुआत हो चुकी है। जो आगामी 15 जून तक चलेगा। किसानों से गेहूं खरीदने के लिए सरकार ने 2425 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया है। जिले को तीन लाख क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके सापेक्ष अभी तक 13 हजार क्विंटल गेहूं की सरकारी खरीद केंद्रों द्वारा किया गया है। कम गेहूं खरीद के पीछे किसानों का अभी गेहूं तैयार न होने का तर्क जिम्मेदार दे रहे हैं। जो कुछ हद तक सही भी है,लेकिन ट्रेडिंग का काम करने वाले व्यापारी किसानों से सरकारी दाम से कुछ अधिक कीमत पर गेहूं खरीद कर डंप कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि ट्रेडिंग व्यापारी इस गेहूं को कोलकाता आदि प्रदेशो में भेजकर मोटी कमाई करने के प्रयास में लगे हुए है। अभी हाल ही में मुंशीगंज में छापेमारी कर दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी में रखा 12 सौ क्विंटल गेहूं की सीज कर दिया है। विपणन खरीद केंद्र प्रभारी प्रमोद यादव ने बताया कि उनके केंद्र पर अभी तक 650 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई है। वहीं पूरे जिले में लगभग 13 हजार क्विंटल गेहूं खरीदा गया है। इस संबंध में जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी राजेश्वर प्रताप सिंह ने कहा कि फ्लोर मिल से लेकर ट्रेडिंग व्यापारियों के यहां जल्द अभियान चलाकर निरीक्षण किया जाएगा। गेहूं डंप मिलने पर सीज करने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि लक्ष्य पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। इस बार ट्रेडिंग व्यापारियों द्वारा जिले से बाहर गेहूं नहीं ले जा सकेंगे। इस पर बराबर निगाह रखी जा रही है। जो नियम का पालन नहीं करेगा। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी बड़े ट्रेडिंग व्यापारियों को पहले से चिन्हित किया गया है।