एडीओ पंचायत जामो को मामले की जांच सौंपते हुए उनके अधीन संबद्ध कर दिया गया है
अमेठी। फर्जी अभिलेख बनाकर सहकर्मी को देने के आरोपी सफाई कर्मी को निलंबित कर दिया गया है। एडीओ पंचायत जामो को मामले की जांच सौंपते हुए उनके अधीन संबद्ध कर दिया गया है। शाहगढ़ ब्लाक में तैनात सफाई कर्मी को निजी काम से बैंक द्वारा लोन लेने के लिए वेतन प्रमाण पत्र व फार्म 16 की जरूरत पड़ गई। जिसे इसी ब्लाक में तैनात सफाई कर्मी कामता प्रसाद ने छह सौ रुपयेसंबंधित बाबू को देने के नाम पर फोन पे के जरिए ले लिया। अभिलेख की जांच में जारीकर्ता बाबू के हस्ताक्षर फर्जी निकला। इस पर सफाई कर्मी पुनील कुमार ने शपथ पत्र देकर डीपीआरओ से शिकायत कर दी। इस पर उन्होंने सफाई कर्मी कामता प्रसाद को कारण बताओ नोटिस जारी कर तत्काल साक्ष्य सहित जवाब मांग लिया। उसके द्वारा उपलब्ध कराए गए छह सूत्रीय जवाब का परीक्षण करने पर तथ्यहीन मिला। इसके पहले भी गंदे आचरण के चलते पांच वर्ष के वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई थी। जिसे बाद में बहाल कर दिया गया था। सहकर्मियों से गलत आचरण के चलते एडीओ पंचायत मनोज कुमार चैधरी ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। जिसका उत्तर नहीं दिया। इसी तरह बाजार शुकुल के एडीओ पंचायत ने एक सूचना दिया था। जिसे तत्कालीन डीपीआरओ को न देकर छिपा लिया था। इसके ऑनलाइन लिए गए छह सौ रुपये के संबंध में बताया कि संगठन का चंदा लिया था। जिसकी रसीद 240 रुपए की प्रस्तुत किया। उसके द्वारा दिये गए सभी छह सूत्रीय जवाब का परीक्षण करने पर गलत मिलने पर अपराधिक कृत्य का दोषी मिला। इस पर डीपीआरओ मनोज कुमार त्यागी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए। मामले की जांच जामो ब्लाक के एडीओ पंचायत को सौंपते हुए उनके अधीन संबद्ध कर दिया है। डीपीआरओ ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी सफाई कर्मी के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।