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दुनिया के 85% लोगों की क्या है सबसे बड़ी गलती, जिससे लग रही हैं ये 6 घातक बीमारी


ऊपरवाले ने इंसान को सबसे खूबसूरत बनाया। सोचने-समझने-बोलने की ताकत दी, जिससे उसने अपने फायदे की तमाम चीजें बनाई। उसी में से एक ईजाद है स्मार्ट फोन, लेकिन ये गैजेट जिंदगी में जितनी सहूलियत लेकर आय, आज उतना ही बीमारी की वजह बन रहा है। आए दिन स्मार्ट फोन का एक्सेस यूज नई-नई परेशानी दे रहा है। उन्हीं में से एक है टेस्ट नेक सिंड्रोम', लंबे वक्त तक मोबाइल या लैपटॉप पर झुककर काम करने की वजह से ये 14 से 24 साल के युवाओं को अपना शिकार बना रहा है। ये बीमारी लोगों को किसी काम का नहीं रहने देती। क्योंकि इसकी वजह से सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, बाहों में झुनझनी और हमेशा पीठ दर्द बना रहता है।

हाल तो ये है कि पिछले साल के मुकाबले इसके मामले 15 से 20% तक बढ़े हैं। वैसे एक और परेशानी तेजी से रजिस्टर हो रही है और वो है मायो फेशियल। इसमें लोग बॉडी की अलग-अलग मांसपेशियों में दर्द महसूस करते हैं। तो वहीं कुछ लोग 'सेल फोन एल्बो' से परेशान हैं। जिसमें लंबे समय तक कोहनी मुड़े रहने की वजह से अंगूठे और छोटी उंगली में नमनेस हो जाती है।
मोबाइल बन रहा है बीमारियों की वजह

दरअसल मोबाइल-लैपटॉप से हेल्थ इश्यूज किसी मॉन्स्टर की तरह डरावनी शक्ल लेने लगे हैं। दिमाग पर निगेटिव चीजें हावी हो रही हैं। लाइफस्टाइल की बीमारी के साथ हियरिंग प्रॉब्लम भी तेजी से बढ़ रही हैं। इतना ही नहीं हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक 60% लोगों में नींद की बीमारी की वजह भी यही मोबाइल एडिक्शन है। इसमें कोई शक नहीं कि मोबाइल आने से काम करने का तरीका और जिंदगी आसान हुई है। लेकिन इसका बेजा इस्तेमाल हर लिहाज से खतरनाक हो रहा है और जरुरत है कि स्मार्ट फोन को लोग स्मार्टली हैंडल करें।
क्या है टेक्स्ट नेक सिंड्रोम (Text Neck Syndrome)
बीमारी की गिरफ्त में 14 से 24 साल के युवा
पिछले एक साल में 15 से 20% मामले बढ़े
युवा 24 घंटे में से 5-6 घंटे सेलफोन पर रहते हैं
MNC's वाले 8 घंटे लैपटॉप,5-6 घंटे मोबाइल पर
20% पढ़ाई करने वाले मोबाइल पर रहते हैं
स्मार्टफोन का सही इस्तेमाल ज़रूरी43% नोमोफोबिया
मोबाइल खोने का डर
43% रिंग-एंग्जायटी
फोन ना बजने से घबराहट
25% फैंटम रिंगिंग
फोन रिंग होने का आभास होना
मोबाइल से दूर खुद को करें डिटॉक्स

सुबह नोटिफिकेशन ऑफ रखें
उठते ही फोन ना देखें
वर्क आउट जरूर करें

दोपहर खाने के वक्त 'नो फोन रुल'
परिवार साथ हों तो फोन दूर रखें

शामबच्चों के साथ खेलने में फ्लाइट मोड ऑन रखें
ईवनिंग वॉक पर जरूर जाएं
फोटो खींचते वक्त फ्लाइट मोड पर रखें

रातऑडिबल एप्स का इस्तेमाल करें
सोने से पहले फोन इस्तेमाल ना करें
मोबाइल को बिस्तर से दूर रखें
फोन का मिसयूज पेरेंट्स कन्फ्यूज बच्चों के फोन यूज से अंजान माता पिता
90% नहीं देते बच्चों पर ध्यान
स्मार्टफोन विजन सिंड्रोमनजर कमजोर
ड्राईनेस
पलकों में सूजन
रेडनेस
तेज रोशनी से दिक्कत
एकटक देखने की आदत
ब्लू लाइट से रेटिना डैमेज और नज़र कमज़ोर
कानों का दुश्मन स्मार्टफोनसिरदर्द
ईयरफोन के तेज शोर से परेशान
बहरापन
अनिद्रा
WHO की रिपोर्ट तेज शोर से घट रही सुनने की ताकत
पूरी दुनिया में 150 करोड़ लोगों को हियरिंग लॉस
2050 तक ढाई सौ करोड़ लोग बहरेपन के शिकार
सड़क दुर्घटना में मौत गाड़ी चलाते हुए मोबाइल का इस्तेमाल
4 गुना ज्यादा बढ़े मामले
10 % मौत की वजह सड़क पर फोन इस्तेमाल

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