उन्नाव: हिस्ट्रीशीटर व प्रशासन द्वारा घोषित भूमाफिया बीरबल गुजराती 5 वर्ष बाद फिर सक्रिय
April 09, 2025
उन्नाव। उन्नाव का कुख्यात भूमाफिया तथा हिस्ट्रीशीटर बीरबल गुजराती को वर्ष 2020 में प्रशासन ने भूमाफिया घोषित करते हुए गैंगस्टर की कार्यवाही कर 4.27 करोड़ की अचल संपत्तियां सीज की थी। तत्कालीन उपजिलाधिकारी सदर ने जांच कराकर क्षेत्रीय लेखपाल तथा टीम से खैरहा एहतमाली तथा नेतुआ में भूमाफिया बीरबल द्वारा सरकारी नंबरों पर अवैध कब्जे तथा निर्माण की पुष्टि करते हुए ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की थी। किंतु करीब 5 वर्ष बाद जेल से बाहर आते ही कुख्यात भूमाफिया हिस्ट्रीशीटर बीरबल गुजराती ने अपने संरक्षक में बदलाव करते हुए प्रशासन में कुछ अधीनस्थों से जुगलबंदी कर दोबारा उन्हीं सरकारी जमीनों पर साठ गांठ के बल पर भ्रामक रिपोर्ट के आधार पर अवैध रूप से कब्जे करना शुरू कर दिया है।
वर्ष 2017 मे बीरबल गुजराती के खिलाफ प्रशासन ने गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत कार्रवाई की थी। तत्कालीन एसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया था कि कुर्क की गई अचल संपत्ति की कुल कीमत 4 करोड़, 27 लाख, 39 हजार रुपये है।
भूमाफिया पर गैंगस्टर लगाया मुनादी, ढोल बजाकर अवैध संपत्तियों घोषित कर सीलिंग की कार्यवाही की अब 5 वर्ष बाद सदर तहसील अंतर्गत उन्हीं नगर पालिका परिषद गंगाघाट की सरकारी जमीनों खैरहा एहतमाली परगना सिकंदरपुर सरोसी में भूमि गाटा सं० 367च 0.1600हे०, 368ग 0.2000हे०, 369क 0.1700हे० तथा ग्राम सभा नेतुआ (शुक्लागंज) में भूमि गाटा सं० 108क 1.1740हे०, भूमि गाटा सं० 109 1.7500हे० में अवैध कब्जे कर निर्माण तथा बिक्री कर रहा है।
ये वही सरकारी भूमि नंबर है जिनपर वर्ष 2020 में प्रशासन ने भूमाफिया बीरबल गुजराती द्वारा अवैध कब्जे की पुष्टि करते हुए ध्वस्तीकरण तथा सीलिंग की कार्यवाही की थी। वर्ष 2017 में ग्राम नेतुआ शुक्लागंज की ग्राम समा की भूमि गाटा संख्या 108क व 109 नेतुआ शुक्लागंज उन्नाव पर भूमाफिया बीरबल गुजराती, किशन गुजराती, शंभूशरण चैधरी तथा दीपू उर्फ दीपक धानुक व उसके सहयोगियों द्वारा संगठित गिरोह के रूप में कार्य कर कब्जा करने के संदर्भ में प्रशासन से शिकायत की गई थी जिसमें तत्कालीन उपजिलाधिकारी सदर द्वारा उक्त सरकारी भूमि की पैमाईश कराकर उक्त जमीनों पर हुए अवैध कब्जा के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गई थी। तथा राजस्व अधिकारियो द्वारा उपरोक्त के विरूद्ध मु०अ०सं० 97ध्2018 धारा- 419, 420, 467, 468, 471 आई०पी०सी० व धारा 3 डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट के अंतर्गत थाना गंगाघाट उन्नाव में मुकदमा दर्ज कराया गया था। भूमाफिया गैंगस्टर बीरबल गुजराती अपने गिरोह के साथ उक्त भूमि पर पुनः पलाटिंग हेतु सड़क निर्माण का कार्य शुरु कर दिया गया है। मार्केट निर्माण कराकर प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा है तथा गेट लगाकर सम्पूर्ण भूमि पर कब्जा कर लिया है। शिकायतकर्ता के अनुसार शिकायत पर क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा दोषी व्यक्तियो से सॉठ-गॉठ कर प्रशासन को गुमराह कर उपरोक्त भूमाफियाओ से सॉठ गॉठ कर झूठी आख्या प्रेषित की गयी है जो गाटा सं 108क से सम्बन्धित न होकर गाटा संख्या 108ख से सम्बन्धित है। क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा प्रेषित आख्या में पूर्व में किए गए धवस्तीकरण की कार्यवाही तथा पुनः कब्जा कर अवैध निर्माण कराये जाने के सम्बन्ध में आख्या में कोई उल्लेख नही किया गया है।
भूमाफिया बीरबल गुजराती जेल से छूटने के कुछ वर्ष बाद एक बार फिर उन्हीं नंबरों पर प्रशासन तथा योगी आदित्यनाथ के भूमाफिया के विरुद्ध अभियान का मजाक उड़ाते हुए अपराध पर अपराध कर रहा है।
आखिर किसकी सरपरस्ती में 2020 में प्रशासन तथा पुलिस की कार्यवाही के चलते जेल भेजा गया कुख्यात भूमाफिया हिस्ट्रीशीटर बीरबल गुजराती उन्हीं सरकारी जमीनों को अवैध कब्जा तथा बेच रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा लखनऊ में बैठे उच्चाधिकारी स्वयं तय करें कि भूमाफिया हिस्ट्रीशीटर बीरबल गुजराती पर 2020 में कार्यवाही सही थी या आज उसके द्वारा उन्हीं सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे सही हैं। खैरहा एहतमाली, नेतुआ में जिन सरकारी भूमि नंबरों को तत्कालीन उपजिलाधिकारी सदर ने खाली कराया था उनमें आज फिर से कब्जा कर मार्केट निर्माण भूमाफिया द्वारा कराया जा रहा है। विगत दिनों मामले में शिकायत पर क्षेत्रीय लेखपाल ने भ्रामक आख्या प्रेषित कर प्रशासन को गुमराह किया है, यही नहीं कुख्यात भूमाफिया अफसरों के दफ्तर में मीटिंग करते हुए भी देखा जा रहा है। वर्ष 2020 में जिले में भूमाफिया पर इतनी बड़ी कार्यवाही के उलट 2025 में एक बार फिर उन्हीं सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे प्रश्नचिह्न खड़े कर रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भूमाफिया के विरुद्ध दावों और अभियान का उन्नाव में भूमाफिया गैंगस्टर बीरबल गुजराती से बड़ा उदाहरण तथा प्रश्नचिह्न पूरे प्रदेश में नहीं मिल सकता है। योगी आदित्यनाथ के इसी कार्यकाल में भूमाफिया गैंगस्टर बीरबल गुजराती द्वारा अवैध कब्जा के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कर जेल भेजा गया और कुछ वर्षोपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में ही जेल से बाहर आने के बाद बेखौफ होकर कानून व्यवस्था का मजाक उड़ाते हुए प्रशासन से साठ गांठ कर दोबारा अवैध कब्जे, निर्माण तथा बिक्री में सक्रिय हो गया है।