भारत में चलेगा 26/11 के गुनहगार पर केस, यहीं मिलेगी सजा
April 10, 2025
26/11 मुंबई हमले के आरोपी आतंकी तहव्वुर राणा को भारत लाया गया. हालांकि तहव्वुर राणा ने इस प्रत्यर्पण से बचने की बहुत कोशिश की लेकिन आखिरकार भारत की एजेंसियां और भारत सरकार की कोशिश कामयाब हुई. अब तहव्वुर राणा के खिलाफ भारत में भारतीय कानून के तहत कार्रवाई चलेगी और सजा मिलेगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तहव्वुर राणा ने अमेरिकी कोर्ट के सामने यह दलील दी थी कि जब एक बार उसका मामला अमेरिकी कोर्ट में चल चुका है तो भारत की अदालत में उसके खिलाफ मामला नहीं चलाया जा सकता, लेकिन भारत सरकार और भारत सरकार की तरफ से पेश हो रहे वरिष्ठ वकीलों ने अमेरिकी कोर्ट के सामने दलील दी राणा की यह दलील मायने नहीं रखती क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कानून के हिसाब से तहव्वुर राणा के खिलाफ जो आरोप है वह काफी गंभीर है, ऐसे में राणा के खिलाफ भारत में भी मामला चल सकता है. जिससे की 26/11 आतंकी हमले से जुड़ी हुई जांच को और आगे बढ़ाया जा सके
सूत्रों के मुताबिक वैसे तो साल 2010 और साल 2012 में भी तहव्वुर के प्रत्यर्पण को लेकर अर्ज़ी दी गई थी, लेकिन इस पर गंभीरता से चर्चा शुरू हुई साल 2018 के बाद से. दरअसल 2018 के बाद भारत सरकार और एजेंसियों ने अमेरिकी कोर्ट के सामने दलील देते हुए यह साबित किया कि राणा का प्रत्यर्पण बेहद जरूरी है जिससे कि भारतीय कानून के तहत इसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तहव्वुर राणा भारत आ रहा है लेकिन उसके साथ में यूएस कोर्ट का एक आदेश भी है जिसमें कुछ शर्तों का भी ज़िक्र हैं. इन शर्तों में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि भारतीय कोर्ट में राणा के खिलाफ किस तरह से मुकदमे की सुनवाई आगे बढ़ सकती है. हालांकि इन शर्तों में क्या-क्या है यह फिलहाल गोपनीय है उदाहरण के तौर पर साल 2005 में जब अबू सलेम को पुर्तगाल से भारत प्रत्यर्पित किया गया था तो उस दौरान उसको लेकर भी कुछ शर्त पर लगाई गई थी जिस पर भारत की सरकार और एजेंसी तैयार हुई थी इन शर्तो में कहा गया था कि अबू सलेम को 25 साल से ज्यादा की कैद नहीं होगी साथ ही सलेम को मौत की सजा नहीं दी जाएगी.
सूत्रों के मिल रही जानकारी के मुताबिक तहव्वुर राणा के भारत पहुंचने के बाद जांच एजेंसी उसको भारत की जमीन पर आधिकारिक तौर पर अपनी गिरफ्त में लेगी और उसके बाद जांच एजेंसी के पास 24 घंटे का वक्त होगा अदालत में पेश करने के लिए.