भारत में गंगा डॉल्फिन की संख्या 6,327 हुई, सर्वेक्षण में बड़ा आंकड़ा सामने आया
March 04, 2025
भारत में गंगा नदी के डॉल्फिनों की संख्या अब 6,327 हो चुकी है, जिसमें उत्तर प्रदेश 2,397 के साथ सबसे ऊपर है. इसके बाद बिहार (2,220), पश्चिम बंगाल (815), असम (635) और झारखंड (162) का नंबर है. ये आंकड़े भारत में पहली बार गंगा नदी के डॉल्फिनों की जनसंख्या के आकलन रिपोर्ट से सामने आए हैं, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व वन्यजीव दिवस पर गुजरात के सासन गीर में जारी किया.
ये जनसंख्या अनुमान 2021 से 2023 तक किए गए विस्तृत सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें 8,000 किलोमीटर से ज्यादा के क्षेत्र में 28 नदियों की जांच की गई. इस दौरान भारत के नेशनल एक्वेरियम, गंगा डॉल्फिन की जनसंख्या पर रिसर्च करने वाले वन्यजीव वैज्ञानिकों ने कई अहम तथ्यों का पता लगाया. इस सर्वेक्षण ने गंगा डॉल्फिन की प्रजातियों की स्थिति को बेहतर तरीके से समझने में मदद की है.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कई वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए नए कदम उठाने की घोषणा की. इनमें मध्य प्रदेश के गांधीसागर अभयारण्य में चीता के निवास स्थान का विस्तार और गुजरात के बन्नी घास मैदानों में उनका पुनर्निवास शामिल है. पीएम ने भारत में वन्यजीवों के स्वास्थ्य और रोग प्रबंधन से संबंधित समन्वय के लिए जूनागढ़ में राष्ट्रीय रेफरल केंद्र की आधारशिला रखी.
गंगा डॉल्फिन की संख्या में कमी पिछले शताब्दी के दौरान कई वजहों से आई थी जैसे शिकार, बांधों और बैराजों द्वारा आवास का विघटन और अंधाधुंध मछली पकड़ना. इन घटती संख्या को देखते हुए सरकार ने अगस्त 2020 में "प्रोजेक्ट डॉल्फिन" शुरू किया. वन्यजीव वैज्ञानिकों का कहना है कि डॉल्फिनों की जनसंख्या में बढ़ोतरी जल पारिस्थितिकी तंत्र की सेहत को दर्शाती है.
भारत में गंगा डॉल्फिन के संरक्षण के प्रयासों के तहत वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों ने पिछले साल दिसंबर में पहली बार गंगा डॉल्फिन के एक नर को उपग्रह टैग किया और उसे असम के कामरूप जिले की ब्रह्मपुत्र नदी में छोड़ा. ये भारत में किसी भी प्रजाति पर किया गया पहला उपग्रह टैगिंग प्रयोग था, जिसका उद्देश्य गंगा डॉल्फिन के बारे में अहम जानकारी इकट्ठा करना था. भारत में गंगा डॉल्फिन की संख्या में बढ़ोतरी, जल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक पॉजिटिव संकेत है.