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सबसे खराब एयरलाइन, सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए-जयदीप शेरगिल


केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद अब एयर इंडिया की बदइंतजामियों पर बीजेपी प्रवक्ता जयदीप शेरगिल बिफर पड़े। उनकी नाराजगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने इसे सबसे खराब एयरलाइंस बता दिया। जयदीप शेरगिल भी एयर इंडिया की टूटी हुई सीटों से काफी नाराज थे। 

उन्होंने सोशल मीजिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अगर सबसे खराब एयरलाइनों के लिए ऑस्कर के बराबर कोई पुरस्कार होता, तो एयर इंडिया सभी श्रेणियों में जीतती। टूटी हुई सीटें, सबसे खराब कर्मचारी, दयनीय “ऑन ग्राउंड” सपोर्ट स्टाफ़, ग्राहक सेवा के बारे में दो टूक रवैया! एयर इंडिया में उड़ान भरना एक सुखद अनुभव नहीं है, लेकिन आज इसने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए!

हालांकि एयर इंडिया ने शेरगिल की इन शिकायतों का जवाब दिया और उन्हें हुई असुविधा के लिए माफ़ी मांगी। शेरगिल की पोस्ट के जवाब में एयरलाइन ने कहा, "प्रिय शेरगिल, हुई असुविधा के लिए हमें खेद है। कृपया यात्रा विवरण हमें डीएम के माध्यम से शेयर करें। हम आपसे संपर्क करेंगे।"

इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को एअर इंडिया की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें ‘टूटी और धंसी हुई’ सीट आवंटित की गई। शिवराज चौहान ने साथ ही कहा कि यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद एयरलाइन का उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है। चौहान द्वारा ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिये अपना अनुभव साझा करने के बाद एअर इंडिया ने ‘असुविधा’ के लिए माफी मांगीऔर घटना की 'गहन' जांच के आदेश दिए हैं। 

चौहान ने कहा कि वह पूसा किसान मेले का उद्घाटन करने, कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक में भाग लेने और चंडीगढ़ में किसान संगठन के प्रतिनिधियों से चर्चा करने के लिए भोपाल से दिल्ली जा रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह भोपाल से दिल्ली जाने वाली एअर इंडिया की उड़ान एआई436 में सवार हुए थे।

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "मुझे सीट क्रमांक 8सी आवंटित हुई। मैं जाकर सीट पर बैठा, सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी। बैठना तकलीफदायक था। जब मैंने विमानकर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटित क्यों की? उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले सूचित कर दिया था कि ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए। ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं।’’ उन्होंने कहा,‘‘ सहयात्रियों ने बहुत आग्रह किया कि मैं उनसे सीट बदल कर अच्छी सीट पर बैठ जाऊं लेकिन मैं अपने लिए किसी और मित्र को तकलीफ क्यों दूं, मैंने फैसला किया कि मैं इसी सीट पर बैठकर अपनी यात्रा पूरी करूंगा। मेरी धारणा थी कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एअर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला।’’

उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है। क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? क्या आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट न हो, इसके लिए एअर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा या यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा।

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