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घुटनों पर आया बांग्लादेश! भारत के साथ नहीं चाहते खराब रिश्ते-सलेहुद्दीन अहमद


बांग्लादेश में हिंसा, हिंदुओं की हत्या, आगजनी और बवाल के बीच भारत विरोधी ताकतों का उभार देखने को मिल रहा है। इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के वित्त सलाहकार सलेहुद्दीन अहमद ने बड़ा बयान दिया है। अहमद ने कहा है कि मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहे हैं। उनका प्रशासन आर्थिक हितों को राजनीतिक बयानबाजी से अलग रखते हुए भारत के साथ मजबूत आर्थिक संबंध विकसित करने पर फोकस कर रहा है।

सरकारी खरीद पर सलाहकार परिषद समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "मुख्य सलाहकार भारत के साथ राजनयिक संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में कई संबंधित पक्षों से चर्चा भी की है।" जब उनसे पूछा गया कि क्या यूनुस ने भारत के अधिकारियों से सीधे बात की, तो अहमद ने स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे से जुड़े लोगों से संपर्क किया है।

अहमद ने कहा, "हमारी व्यापार नीति राजनीतिक विचारों से प्रभावित नहीं होती। यदि भारत से चावल आयात करना वियतनाम या अन्य जगहों से सस्ता पड़ता है, तो आर्थिक दृष्टि से भारत से ही खरीदना उचित होगा।" अहमद ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश ने मंगलवार को ही 50,000 टन चावल भारत से खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसे उन्होंने "अच्छे संबंध बनाने की दिशा में एक कदम" बताया। उन्होंने कहा कि यह आयात बांग्लादेश के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि वियतनाम (जो एक प्रमुख विकल्प है) से चावल खरीदने पर प्रति किलोग्राम करीब 10 टका (लगभग 0.082 अमेरिकी डॉलर) अधिक खर्च आएगा।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के वित्त सलाहकार का बयान ऐसे समय में आया है जब राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि 1971 में पाकिस्तान से अलग होने के बाद ढाका और नई दिल्ली के संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। दोनों देशों में राजदूतों को बार-बार तलब किया जा रहा है और दोनों राजधानियों सहित अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हालांकि, सलेहुद्दीन अहमद ने स्थिति को इतना गंभीर नहीं बताया। उन्होंने कहा, "बाहर से ऐसा प्रतीत हो सकता है कि बहुत कुछ हो रहा है, लेकिन स्थिति इतनी खराब नहीं है।"

अहमद ने ने माना कि कुछ बयान नजरअंदाज करना मुश्किल हैं, लेकिन ये राष्ट्रीय भावना का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि बांग्लादेश के लिए जटिल परिस्थितियां पैदा कर रहे हैं। बाहरी ताकतों की ओर से भारत-विरोधी भावनाएं भड़काने की आशंका पर उन्होंने कहा, "हम दोनों देशों के बीच किसी भी तरह की कड़वाहट नहीं चाहते। यदि कोई बाहरी शक्ति समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रही है, तो यह किसी भी देश के हित में नहीं है।" अहमद ने दोहराया कि अंतरिम सरकार का इरादा दोनों पड़ोसियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना है और आर्थिक निर्णय पूरी तरह राष्ट्रीय हित पर आधारित होंगे।

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