उत्तराखड । जनपद में बढ़ती शीतलहर को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा आमजन, जरूरतमंदों एवं असहाय व्यक्तियों को ठंड से बचाव प्रदान करने के लिए त्वरित एवं प्रभावी कदम उठाए गए हैं। सभी तहसीलों में अलाव जलाने एवं रैन बसेरों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर नियमित रूप से अलाव जलाए जा रहे हैं। बागेश्वर नगर में तहसील परिसर, जिला अस्पताल, चैक बाजार, कत्यूर बाजार, गोमती पुल, सरयू पुल तथा ट्रामा सेंटर के समीप अलाव की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त जनपद के चैराहों, बाजारों, बस अड्डों, अस्पतालों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी अलाव जलाए जा रहे हैं, जिससे राहगीरों एवं जरूरतमंदों को राहत मिल रही है।
शीतलहर से प्रभावी सुरक्षा के दृष्टिगत जनपद की विभिन्न तहसीलों में कुल 06 रैन बसेरे संचालित किए गए हैं, जिनमें 26 बेड की सुविधा उपलब्ध है। तहसील बागेश्वर अंतर्गत स्वराज भवन में 04 बेड, तहसील कपकोट क्षेत्र में केदारेश्वर मैदान स्थित आपदा राहत शिविर में 10 बेड तथा भराड़ी क्षेत्र में 04 बेड क्षमता का अस्थायी रैन बसेरा स्थापित किया गया है। तहसील गरुड़ में राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोसानी के कक्ष में 02 बेड, तहसील कांडा में जिला पंचायत गेस्ट हाउस में 02 बेड तथा धरमघर में वन विभाग गेस्ट हाउस के कक्ष में 04 बेड क्षमता का रैन बसेरा संचालित किया जा रहा है।
जिलाधिकारी आकांक्षा कोंड़े ने समस्त अधिकारियों को सख्त निर्देशित किया है कि शीतलहर से निपटने हेतु निरंतर निगरानी रखी जाए और आवश्यकतानुसार व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ किया जाए, ताकि जनपद का कोई भी व्यक्ति ठंड से प्रभावित न हो।
