कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट पर ईडी ने कसा शिकंजा
December 14, 2025
कफ सिरप की अवैध तस्करी और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा शिकंजा कसते हुए कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. देश के अलग-अलग शहरों में हुई छापेमारी में करोड़ों रुपये की अवैध कमाई, सैकड़ों फर्जी कंपनियां और लग्जरी सामान बरामद हुआ है. शुरुआती जांच में यह एक संगठित और बड़े स्तर पर चल रहे सिंडिकेट का मामला बताया जा रहा है.
ईडी ने रांची स्थित M/s सैली ट्रेडर्स के कार्यालय से 189 संदिग्ध बोगस कंपनियों से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं. जांच में सामने आया है कि इन फर्मों के जरिए करीब 450 करोड़ रुपये का फर्जी टर्नओवर दिखाकर अवैध लेनदेन किए गए.
मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के बंद पड़े घर को खोलने पर ईडी को प्राडा और गुच्ची जैसे महंगे बैग, साथ ही राडो और ऑडेमार्स पिगुएट ब्रांड की घड़ियां मिलीं. इनकी अनुमानित कीमत 1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है. इसके अलावा घर के इंटीरियर पर 1.5 से 2 करोड़ रुपये नकद खर्च किए जाने के सबूत भी मिले हैं.
लखनऊ में निलंबित सिपाही आलोक प्रताप सिंह के घर पर छापेमारी में सामने आया कि उन्होंने पॉश इलाके में एक महलनुमा मकान बनवाया है. इस मकान की केवल निर्माण लागत ही करीब 5 करोड़ रुपये आंकी गई है, जबकि जमीन की कीमत अलग से तय की जाएगी.
अहमदाबाद में M/s Aarpik Pharmaceuticals Pvt. Ltd. और उसकी सहयोगी कंपनी M/s Idhika Life Sciences के ठिकानों पर तलाशी ली गई. यहां कोडीन आधारित कफ सिरप की अवैध बिक्री, दुरुपयोग और कई करोड़ रुपये के बेहिसाब लेनदेन के सबूत मिले. कंपनी के निदेशकों के दो मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं. ईडी को चार्टर्ड अकाउंटेंट विष्णु अग्रवाल के पास से 140 कंपनियों का डेटा मिला है. इन कंपनियों की भूमिका अवैध पैसे को घुमाने यानी फंड लेयरिंग में संदिग्ध मानी जा रही है.
सहारनपुर में विभोर राणा और उसके सहयोगियों की जांच में 125 कंपनियों के जरिए धन के ट्रांसफर और डायवर्जन के सबूत मिले हैं. इन फर्मों के जरिए अवैध पैसे को अलग-अलग खातों में भेजा गया.
