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बॉक्सर नीरज सिंह से पीएम मोदी का मस्तीभरा संवाद, लगे हंसी के ठहाके



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद खेल महोत्सव को वर्चुअली संबोधित करते हुए देश के खिलाड़ियों और युवाओं का उत्साह बढ़ाया. इस दौरान उन्होंने न केवल खेलों में बढ़ते अवसरों पर बात की, बल्कि खिलाड़ियों से सीधे संवाद कर उनका हौसला भी बढ़ाया. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री और एक बॉक्सर के बीच हुआ हल्का फुल्का संवाद भी चर्चा का विषय बना.

कार्यक्रम के दौरान सिरसा से आए बॉक्सर नीरज सिंह ने प्रधानमंत्री से बातचीत करते हुए पूछा, ' सर जी राम-राम सभी की तरफ से और कैसे हो जी?' इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, 'तेरे जैसा ही हूं, राम राम.' प्रधानमंत्री का ये जवाब सुनकर वहां पर मौजूद सभी लोग हंसने लगे.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभी वह इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले कुछ खिलाड़ियों से बात कर रहे थे. उनका जोश, जज्बा और उत्साह भारत की ताकत की झलक दिखाता है. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के भीतर जो आत्मविश्वास उन्होंने देखा, वही विश्वास आज देश के लाखों युवाओं में भी नजर आता है. इसी कारण आज स्टार्टअप्स, स्पेस, साइंस और स्पोर्ट्स हर क्षेत्र में भारत के युवा अपनी पहचान बना रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसद खेल महोत्सव अब एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है. शहरों से लेकर गांवों तक, हर पृष्ठभूमि के युवा इसमें शामिल हो रहे हैं, जिससे इसके व्यापक स्तर का अंदाजा लगाया जा सकता है. काशी से सांसद होने के नाते उन्होंने कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र में इस स्पोर्ट्स इवेंट से बहुत करीब से जुड़े रहे हैं. उन्होंने खुशी जताई कि युवाओं ने इसके जरिए नए मील के पत्थर तय किए हैं.

प्रधानमंत्री ने बताया कि इस साल भी कई हफ्तों तक चले इस बड़े आयोजन ने युवाओं को एक मजबूत प्लेटफॉर्म दिया है. इसके माध्यम से कई दिव्यांग एथलीटों को भी आगे बढ़ने का अवसर मिला. इसके लिए उन्होंने सभी एथलीटों और देश के युवाओं को दिल से बधाई दी.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज खेलों में मौके सीमित नहीं, बल्कि अनलिमिटेड हैं. देश में ऐसा इकोसिस्टम बन गया है, जहां गरीब से गरीब परिवार का बच्चा भी कम उम्र में ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत बड़े खेल आयोजनों की मेजबानी करने जा रहा है. वर्ष 2030 में भारत अहमदाबाद में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करेगा, जो युवा एथलीटों के लिए एक बड़ा अवसर होगा. इसके साथ ही भारत 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी की दिशा में भी प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि आज जो बच्चे 10 या 12 साल के हैं, वही 2036 के ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन युवा प्रतिभाओं को अभी से पहचानने, निखारने और राष्ट्रीय मंच तक लाने की जरूरत है. इसमें सांसद खेल महोत्सव की अहम भूमिका हो सकती है. उन्होंने सभी सांसदों से अपील की कि वे अपने अपने क्षेत्रों में ऐसे टैलेंट को खोजें, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यहां तक कि ओलंपिक्स में भी भारत का नाम रोशन कर सकें. उन्हें हर संभव मदद और मार्गदर्शन दिया जाए.

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के हर एथलीट से कहा कि वे सिर्फ अपनी जीत के लिए नहीं, बल्कि देश और तिरंगे के सम्मान के लिए खेल रहे हैं. उन्होंने माता पिता से भी अपील की कि वे अपने बच्चों को खेलने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें मौके दें, क्योंकि खेल केवल सीखने का हिस्सा नहीं है, बल्कि स्वस्थ शरीर और स्वस्थ दिमाग के लिए भी बेहद जरूरी है.

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