उत्तरकाशी। सूचना- अपर सचिव मुख्यमंत्रीध्महानिदेशक सूचना वंशीधर तिवारी ने सोमवार देर शाम जीएमवीएन में पत्रकारों के साथ प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने देव भूमि रजत उत्सव से जुड़ी जानकारियां साझा करने के साथ-साथ पत्रकार हितों से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की।
महानिदेशक ने कहा कि उत्तराखंड राज्य को 25 वर्ष पूर्ण हो चुके है। यहां की सभ्यता,संस्कृति और जो उत्तराखंड राज्य आंदोलन का इतिहास है और जिन्होंने राज्य आंदोलन में अपनी शहादत दी है उनके बारे में आने वाली पीढ़ी जागृत हो इस दिशा में स्कूलों के बच्चों और छात्राओं को रजत उत्सव से जोड़ा गया है। निबंध लेखन,चित्रकला और भाषण आदि प्रतियोगिताओं के माध्यम से उन्हें उत्तराखंड राज्य आंदोलन के इतिहास,उसकी पृष्ठभूमि और महत्व की जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार की जनोपयोगी नीतियों और कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी जा रही है।उन्होंने कहा कि रजत उत्सव के दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय बोली-भाषाओं,लोकगीतों और लोकनृत्यों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।
महानिदेशक ने कहा कि सोशल मीडिया नियमावली को जल्द ही उत्तराखंड में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह नियमावली पहले से ही उत्तर प्रदेश और राजस्थान में लागू है और उत्तराखंड में इसे लागू करने की प्रक्रिया प्रगति पर है। नियमावली के लागू होने से सोशल मीडिया पर कार्यरत पत्रकारों और कंटेंट क्रिएटर्स को स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलेंगे तथा उनके अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पत्रकारों के हितों के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इसी कड़ी में प्रेस मान्यता अब तहसील स्तर पर भी दिए जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसके लिए नियमावली तैयार की जा रही है,जो अब अंतिम चरण में है। इससे दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत पत्रकारों को भी मान्यता का लाभ मिलेगा।
महानिदेशक ने कहा कि सरकार की मंशा है कि पत्रकारों को सुविधाएं, सुरक्षा और सम्मान मिले तथा वे बिना किसी दबाव के निष्पक्ष पत्रकारिता कर सकें। शीतकालीन यात्रा एवं देवभूमि रजत उत्सव जैसे आयोजनों के माध्यम से राज्य की विकास यात्रा,संस्कृति और उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका अहम है। प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों ने भी अपनी समस्याएं और सुझाव रखे,जिन पर डीजी सूचना ने सकारात्मक आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार और मीडिया के बीच समन्वय को और मजबूत किया जाएगा।
प्रेस वार्ता में जिला सूचना अधिकारी कर्मवीर शर्मा,अति.जिला सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सहित जिले के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारगण उपस्थित रहेमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सरस्वती शिशु मंदिर, ताड़ीखेत में अध्ययनरत स्कूली बच्चों से आत्मीय संवाद किया। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर विद्यालय के छात्र-छात्राओं में विशेष उत्साह और प्रसन्नता देखने को मिली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों का स्नेहपूर्वक अभिवादन करते हुए कहा कि आप सभी उत्तराखंड और देश का भविष्य हैं।
मुख्यमंत्री ने बच्चों से संवाद करते हुए वर्ष 2047 का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूर्ण होंगे और तब देश की बागडोर आज के बच्चों के हाथों में होगी। उन्होंने कहा कि “विकसित भारत 2047” केवल एक सरकार का नहीं, बल्कि पूरी पीढ़ी का सामूहिक संकल्प है, जिसकी सिद्धि सभी के साझा प्रयासों से ही संभव है।
मुख्यमंत्री ने बच्चों को अनुशासन और समय पालन का महत्व समझाते हुए कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए समय का सदुपयोग और अनुशासित दिनचर्या अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बच्चों से उनके स्कूल आने-जाने की दिनचर्या पर सहज प्रश्न करते हुए संवाद को रोचक बनाया और मुस्कराते हुए अनुशासन को सफलता की कुंजी बताया।
मुख्यमंत्री ने बच्चों को पौष्टिक भोजन एवं अच्छे स्वास्थ्य का महत्व बताते हुए कहा कि आगे बढ़ने के लिए शरीर और मन दोनों का स्वस्थ होना आवश्यक है। उन्होंने बच्चों को संतुलित आहार लेने और नियमित रूप से खेलकूद में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों को बताया कि आज का दिन विशेष है, क्योंकि आज महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती है, जिसे राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने शिक्षा को व्यक्ति, समाज और राज्य के सर्वांगीण विकास की सबसे मजबूत नींव बताते हुए बच्चों से खूब पढ़ने, खूब खेलने और आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ के बच्चे कठिन परिस्थितियों में पलकर संघर्ष करना सीखते हैं, जिससे उनमें आगे बढ़ने की विशेष क्षमता होती है। उन्होंने बच्चों को लक्ष्य निर्धारण, अच्छे नागरिक बनने और अपने कर्तव्यों के निर्वहन का संदेश दिया। साथ ही नशे के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए नशा मुक्त उत्तराखंड के संकल्प को मजबूत करने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने बच्चों से अपनी भाषा, बोली और संस्कृति पर गर्व करने का आह्वान करते हुए कहा कि जो अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है, वही ऊँचाइयों तक पहुँचता है। संवाद के अंत में उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में उत्तराखंड का हर बच्चा देश को दिशा देने वाला नागरिक बनेगा। मुख्यमंत्री ने बच्चों से मेहनत, ईमानदारी और बड़े सपने देखने का संदेश देते हुए कहा कि सरकार सदैव उनके साथ खड़ी है।
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