पूर्व सीजेआई गवईने आखिरी कार्य दिवस पर कही बड़ी बात! कहा-आज के समय में किसी जज को स्वतंत्र तभी माना जाता है, जब फैसला सरकार के खिलाफ दिया गया हो
November 24, 2025
पूर्व मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने इस धारणा को खारिज कर दिया कि जब तक कोई जज सरकार के खिलाफ फैसला न सुनाए उसे आजाद नहीं माना जा सकता. उन्होंने कहा कि जज अपने सामने मौजूद दस्तावेजों के हिसाब से फैसला करते हैं.
शुक्रवार (24 नवंबर, 2025) को अपने आधिकारिक आवास पर जस्टिस गवई ने संवाददाताओं से बात की. उन्होंने कहा, 'जब तक आप सरकार के खिलाफ फैसला नहीं करते, आप एक स्वतंत्र न्यायाधीश नहीं हैं... यह धारणा सही नहीं है. मुकदमा दायर करने वाली सरकार है या कोई आम नागरिक, यह जज तय नहीं करते हैं. आप अपने सामने मौजूद दस्तावेजों के हिसाब से फैसला करते हैं.'
उन्होंने कहा कि आज के समय में किसी जज को स्वतंत्र तभी माना जाता है, जब फैसला सरकार के खिलाफ दिया गया हो. पूर्व सीजेआई गवई ने कहा, 'न्यायपालिका में अवसंरचना के विकास के लिए हमें सरकार पर निर्भर रहना पड़ता है. हमारे पास पैसे की शक्ति नहीं है इसलिए, कभी-कभी टकराव हो सकता है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि लगातार टकराव की जरूरत है. इससे बेवजह की परेशानियां पैदा होती हैं.'
केंद्र के सहयोग का जिक्र करते हुए पूर्व सीजेआई गवई ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान सरकार ने कॉलेजियम की ओर से सुझाए गए लगभग सभी नामों को मंजूरी दी. उन्होंने कहा उनके कार्यकाल में विभिन्न हाईकोर्ट्स में करीब 107 जज नियुक्त किए गए. पूर्व सीजेआई ने कहा कि उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट को 14 और मध्य प्रदेश को 12 जज दिए.
जस्टिस गवई ने यह भी कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट के 12 चीफ जस्टिस की नियुक्ति की और यह सुनिश्चित किया कि बॉम्ब हाईकोर्ट को 45-50 साल के युवा न्यायाधीश मिलें, जो ज्यादा समय तक काम कर पाएं. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर दो दशक से ज्यादा समय तक उन पर किसी भी सरकार का दबाव नहीं रहा. वायु प्रदूषण को लेकर अदालत के आदेशों के कम से कम असर पर उन्होंने कहा कि राज्य और उसके प्राधिकारियों को इस समस्या से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान ढूंढने होंगे.
उन्होंने पटाखों पर प्रतिबंध जैसे अदालती आदेशों को ठीक ढंग से लागू न करने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'लुटियंस दिल्ली में भी, जब प्रतिबंध लागू था, तब हमने पटाखे फोड़े जाने की आवाज सुनी.' उन्होंने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में कर्मचारियों की संख्या भी पर्याप्त नहीं थी. उन्होंने कहा, 'मैंने कुछ निर्देश जारी किए हैं कि एक तय समय में रिक्तियां भर दी जाएं.'
