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पुणे के शनिवारवाड़ा में नमाज पर बवाल, गोमूत्र से 'शुद्धिकरण' पर सियासत तेज


पुणे के शनिवारवाड़ा में कुछ मुस्लिम महिलाओं के नमाज पढ़ने से विवाद खड़ा हो गया है. हिंदूवादी संगठनों ने पहले इसका विरोध करते हुए वहां गोमूत्र से 'शुद्धिकरण' किया और फिर इस मामले में कैबिनेट मंत्री नितेश राणे ने कहा कि अगर हिंदू धार्मिक स्थलों पर नमाज़ पढ़ी जा सकती है तो हाजी अली दरगाह में भी हनुमान चालीसा का पाठ हो सकता है. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब इसमें मौलाना साजिद रशीदी की एंट्री हो गई है.

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने हालिया धार्मिक विवादों पर कड़ा रुख अपनाते हुए राजनीतिक दलों पर निशाना साधा. मुस्लिम महिलाओं द्वारा नमाज पढ़ने के बाद हिंदू संगठनों द्वारा गोमूत्र से 'शुद्धिकरण' की घटना को 'नफरत की राजनीति' करार दिया. साजिद रशीदी ने IANS से बात करते हुए महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे के हाजी अली दरगाह में हनुमान चालीसा पढ़ने वाले बयान और समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के दीपक जलाने वाले विवादास्पद बयान पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी.

रशीदी ने कहा, "वह महल है, एएसआई के अधीन ऐतिहासिक स्थल है, कोई धार्मिक जगह नहीं. दिल्ली का इंडिया गेट या लाल किला जैसा है. अगर नमाज का समय हो जाए और कोई पढ़ ले, तो इसमें कौन-सी आपदा आ गई? लेकिन हिंदू संगठनों ने दूसरे दिन गोमूत्र से धो दिया, जो जगह को और नापाक बना दिया."

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, "गोमूत्र आपकी आस्था हो सकता है, लेकिन सबकी नहीं. अगर हमारे यहां शरीर पर गोमूत्र पड़ जाए तो फिर नमाज नहीं उठेगी. उन मुस्लिम महिलाओं का क्या कसूर? वे घूमने आई थीं, नमाज का समय हो गया तो पढ़ लीं. यह सरकारी जगह है, किसी की जागीर नहीं. हिंदुओं का हक है तो मुसलमानों का भी. शुद्धिकरण करने वाले कौन होते हैं? उन महिलाओं पर FIR गलत है, संविधान के खिलाफ. एफआईआर उन पर होनी चाहिए, जिन्होंने गोमूत्र छिड़का. यह वोट बैंक का खेल है. ऐसे लोग हिंदू-मुस्लिम एकता नहीं चाहते. जनरल असीम मुनीर की बातें फैला रहे हैं."

नितेश राणे के हाजी अली वाले बयान पर रशीदी ने कटाक्ष करते हुए कहा, "अगर घूमने की जगह पर नमाज पढ़ी तो तुम दरगाह में हनुमान चालीसा क्यों पढ़ोगे? हमने तो तुम्हारे मंदिर में नमाज नहीं पढ़ी. नितेश राणे को हनुमान चालीसा याद भी नहीं होगी, मैं दावे से कहता हूं. यह नफरत फैलाने वाले हैं. भाजपा की जड़ें काट रहे हैं. मुसलमान भाजपा की ओर आना चाहते हैं लेकिन ऐसे बयानों से भाग जाते हैं. लंबी पारी खेलनी है तो मुसलमानों को साथ लो वरना नफरत की चिंगारियां बंद करो. इनके मुंह पर टेप लगाओ, सदस्यता रद्द करो."

आजम खान के दीपक जलाने वाले कुछ भी जला सकते हैं वाले बयान पर रशीदी ने कहा, "दीपक जलाना आस्था की बात है. आजम को इसी से जेल हुई थी. लगता है जेल की रोटी भा गई है और उन्हें बाहर की रोटी अच्छी नहीं लग रही. अगर नमाज पर अभद्र टिप्पणी हो तो कैसा लगेगा? इस हुकूमत में संभलकर बोलना चाहिए. ऐसी बयानबाजी से बचें.

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