लखनऊ । राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम खुजौली स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय एक बार फिर विवादों में है। विद्यालय की छात्राओं और उनके अभिभावकों ने प्रधानाचार्य और वार्डन पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि हॉस्टल में रहने वाली बच्चियों से रोजाना झाड़ू-पोछा, बाथरूम की सफाई और बर्तन धुलवाए जाते हैं।अभिभावकों का कहना है कि बच्चियों के साथ न सिर्फ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है बल्कि उन्हें जातिगत टिप्पणियों और धमकियों का भी सामना करना पड़ता है। वार्डन द्वारा कथित रूप से कहा गया कृ “नीची जाति की हो, ऊँची मत बनो।” परिजनों ने यह भी बताया कि रात में पाँच-छह गाड़ियों से अज्ञात लोग विद्यालय में आते हैं। यदि कोई बच्ची उन्हें देख लेती है तो वार्डन उसे बुरी तरह पीटती है और गालियाँ देती है। छात्राओं को समय से भोजन, स्कूल ड्रेस और आवश्यक सामग्री भी नहीं दी जाती। अभिभावकों ने स्पष्ट कहा कि जब तक वार्डन को हटाया नहीं जाएगा, वे अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेजेंगे।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि राजधानी के शिक्षण संस्थानों में इस तरह की जातिगत मानसिकता और बालिकाओं के साथ दुर्व्यवहार गंभीर चिंता का विषय है। खास बात यह है कि एक माह के भीतर यह दूसरा मामला है जब विद्यालयों में बच्चियों से दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं। इससे पहले नवजीवन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य और एक शिक्षक पर भी मुकदमा दर्ज हो चुका है। इस प्रकरण पर एसीपी मोहनलालगंज ने बताया, “मामला एसडीएम के संज्ञान में है, मेरे आते ही जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।” अभिभावकों और स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और पुलिस से विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ त्वरित जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
