टीचर ने चेक में 7616 को लिखा 'Saven Thursday Six Harendra Sixtey! सस्पेंड
October 05, 2025
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के एक शिक्षक का चेक सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस चेक में शिक्षक ने जब 7616 को अंग्रेजी में लिखा तो उसमें इतनी गलतियां थीं कि उस चेक को देखने वाले सभी लोग हैरान रह गए। जब यह चेक सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो इसे भरने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई हुई है। घटना सिरमौर जिले के एक सरकारी स्कूल की है। जहां शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। कुछ दिनों पहले ही उनके द्वारा जारी किए गए चेक की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें वर्तनी की बड़ी गलतियां थीं। इस तस्वीर के सोशल मीडिया पर आने के बाद सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर चिंता जताई गई थी।
स्कूल शिक्षा निदेशालय ने रोहनाट स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के ड्राइंग टीचर अत्तर सिंह के खिलाफ यह कार्रवाई की है। उन्होंने 25 सितंबर को 7,616 रुपये का चेक जारी किया था। हालांकि, इस संख्या को शब्दों में में "Seven Thursday Six Harendra Sixtey" लिखा गया था। वर्तनी की गलतियों के कारण सोशल मीडिया पर यह चेक वायरल हो गया, जिससे लोगों ने इसका मजाक उड़ाया।
अधिकारियों ने बताया कि निदेशालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए स्कूल के प्रिंसिपल, संबंधित शिक्षक और इस चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है। प्रिंसिपल और शिक्षक को शनिवार को स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा गया है। सुनवाई के दौरान, सिंह ने स्वीकार किया कि उचित सावधानी न बरतने के कारण उनसे अनजाने में यह गलती हुई, जिसे निदेशक ने स्वीकार नहीं किया। कोहली ने चेतावनी दी, "आधिकारिक जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाही, लापरवाही या उपेक्षा का कोई भी कार्य जिससे विभाग की छवि धूमिल हो सकती है, नियमों के अनुसार कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई को आमंत्रित करेगा।"
निदेशालय ने स्कूल शिक्षा (प्राथमिक), सिरमौर के उपनिदेशक को केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 के तहत उक्त शिक्षक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने और जल्द से जल्द निदेशालय को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। निदेशालय ने जोर देकर कहा कि वित्तीय मामलों सहित आधिकारिक दस्तावेजों को तैयार और जारी करते समय सटीकता, जिम्मेदारी और प्रशासनिक औचित्य के उच्चतम मानकों को बनाए रखा जाना चाहिए।
