मुसलमानों के सामने एक-दो नहीं, कई मसले हैं- अरशद मदनी
September 01, 2025
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने रविवार (31 अगस्त, 2025) को असम में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ जारी अभियान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. अरशद मदनी ने असम सरकार की ओर से चलाए जा रहे अतिक्रमण-रोधी अभियान को मुस्लिम समुदाय के लोगों पर किया जा रहा अत्याचार कहा है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इस संबंध में रविवार (31 अगस्त) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट कर आपत्ति जताई है. अरशद मदनी ने कहा, ‘असम में मुस्लिम बस्तियों को नहीं, बल्कि देश के संविधान और कानून को नष्ट किया गया है. मुसलमानों को जीने का अधिकार देना सरकार का फर्ज है.
उन्होंने कहा, ‘हिंदू-मुस्लिम करके सत्ता तो हासिल की जा सकती है, लेकिन देश को चलाया नहीं जा सकता है. आज देश उस मोड़ पर पहुंच गया है, जहां नफरत को देशभक्ति का जामा पहनाया जा रहा है और अत्याचारियों को कानून के शिकंजे से बचाया जा रहा है.’ अरशद मदनी ने कहा, ‘देश में सांप्रदायिकता की आग में सिर्फ मुसलमान ही नहीं, बल्कि पूरे देश का अस्तित्व ही झुलस रहा है.’
वहीं, एक अन्य एक्स पोस्ट में मौलाना अरशद मदनी ने कहा, ‘मुसलमानों के सामने एक-दो नहीं, बल्कि कई मसलें हैं. आजादी के बाद सांप्रदायिक सोच को मौका मिला और मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाया गया. जमीयत उलेमा-ए-हिंद सबसे पहले इन ताकतों के खिलाफ सामने आई थी. हम सड़कों पर लड़ाई नहीं करेंगे, क्योंकि ये देश के लिए नुकसानदायक है. हमारी लड़ाई उन लोगों से है जो सत्ता में रहकर इन सांप्रदायिक ताकतों को खुला छोड़ रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘भारत में मुसलमान हजार साल से ज्यादा वक्त से रह रहे हैं. केरल से कश्मीर तक, हर बिरादरी में हिंदू भी हैं और मुसलमान भी. हमारा इतिहास किसी से कम नहीं है. इस देश की तरक्की तभी मुमकिन है जब आपसी भाईचारा और मेल-जोल बना रहे.’