दुर्गंध से स्थानीय निवासी, विद्यालय से आने जाने वाले बच्चें,राहगीर,गाय परेशान आने दिन लोग हो रहे है बीमार।
ओबरा। जनपद सोनभद्र के ओबरा तापीय परियोजना अंतर्गत नगर पंचायत ओबरा के सभी क्षेत्र का पूरा कूड़ा ट्रॉली द्वारा ओबरा तापीय परियोजना के भूमि सेक्टर 9 मार्ग के किनारे फेंका जा रहा है जिसमें प्लास्टिक की मात्रा भी रहता है। वहां आसपास आवासीय क्षेत्र व विद्यालय मौजूद है जिसके लोग इस बदबू से काफी परेशान है सड़क किनारे फेंके गए कूड़े से दुर्गन्ध निकलता रहता है, जिससे राह चलना मुश्किल है।कूड़े के ढेर में आग लगा दी जाती है, जो दिन-रात सुलगती रहती है।नगर पंचायत ओबरा स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ा रहा है। जहां पर गाय भी कूड़े के अंबार में गंदा प्लास्टिक खाते नजर आ रही है जो उनके लिए जहर के समान काम करता है।कूड़े से निकलने वाला धुआं और दुर्गंध स्थानीय निवासियों, विद्यालय से आने जाने वाले बच्चों,राहगीरों और वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।हवा के कारण कचरा उड़कर सड़क पर भी फैल जाता है। लोगों को नाक पर रुमाल रखकर इस रास्ते से गुजरना पड़ता है।स्थानीय निवासियों का कहना है कि लगातार जलते कूड़े के बदबू से गंदगी से होने वाली गंभीर बीमारियां फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता हैं।इससे वायु प्रदूषण भी फैल रहा है।कचरे का ढेर पूरे शहर को किसी संक्रामक बीमारी की ओर ना ढकेल दे। सबसे बुरा हाल तो शहर की घनी आबादी वाले भीतरी मोहल्लों का है। जहां के लोग कूड़े-कचरे के ढेर की बदबू के बीच अपना जीवन बसर करने को बाध्य हैं। नगर पंचायत को स्वच्छ भारत अभियान को शहर में धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी है वह अभी तक कचरा निपटान के समस्या का समाधान नहीं कर पाई है। शहरी क्षेत्र की स्थिति है कि यहां किसी भी मोहल्ले में पर्याप्त मात्रा में कूड़ेदान उपलब्ध नहीं है। इसका नतीजा है कि जहां-तहां कूड़े-कचरे फेंक जा रहे। इस पूरे मामले में सामाजिक कार्यकर्ता राकेश केशरी ने जिलाधिकारी को इस आबादी क्षेत्र से कूड़ा के बदबू से निजात दिलाने को लेकर की मांग।