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संविधान निर्माताओं ने संविधान में धर्मनिरपेक्ष शब्द को शामिल नहीं किया-मिलिंद परांडे


विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने आज नागपुर मे कहा कि संविधान निर्माताओं ने संविधान में 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द को शामिल करने का समर्थन नहीं किया था, जिसे बाद में संसद में बिना किसी बहस के संविधान में जोड़ दिया गया। यह पूछे जाने पर कि विहिप उन शब्दों को कैसे देखती है जिन्हें बाद में संविधान में जोड़ा गया और जो संविधान निर्माण के समय मौजूद नहीं थे, परांडे ने कहा कि कई विद्वानों, बड़े कानूनविदों, दार्शनिकों और अन्य लोगों ने मिलकर हमारे संविधान का निर्माण किया और संविधान निर्माण में भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की बहुत बड़ी भूमिका थी।

परांडे ने कहा कि संविधान सभा के दौरान इस बात पर चर्चा हुई थी कि धर्मनिरपेक्ष शब्द को 'धर्मनिरपेक्ष' लिखा जाए या नहीं। उस समय किसी ने इसका समर्थन नहीं किया था, ना ही डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने इसका समर्थन किया था और न ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जो बाद में भारत के राष्ट्रपति बने, ने इसका समर्थन किया था। उस समय कारण यह बताया गया था कि वे संविधान को किसी सिद्धांत में नहीं बांधना चाहते और संविधान स्वतंत्र होना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमारे संविधान निर्माताओं ने 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द को स्वीकार नहीं किया था और काफी सोच-विचार और बहस के बाद उन्होंने इसे शामिल न करने का फैसला किया था।"

परांडे ने कहा कि चूंकि 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द आजादी के बाद नहीं, बल्कि आपातकाल के दौरान जोड़ा गया था, इसलिए समाज में इस पर व्यापक चर्चा की जरूरत है और मुझे लगता है कि यह प्रक्रिया शुरू हो गई है कि 'समाजवाद' या 'धर्मनिरपेक्ष' जैसे शब्द, जो संसद के निलंबन के समय जोड़े गए थे, संसद में, सांसदों या जनता के बीच लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा के बाद नहीं। इसलिए यह प्रक्रिया अपने आप में गलत है, जो आपातकाल के दौरान जबरदस्ती की गई। इसलिए, इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए और बहुत से लोग इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं और अगर चर्चा शुरू होती है, तो मुझे लगता है कि यह सही दिशा में जाएगी।"

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संगठन मंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि हिंदुओं को आपस में लड़ाने की साजिश रची जा रही है। हिंदू समाज में फूट डालकर उन्हें आपस में लड़ने के लिए कुछ शक्तियां कम कर रही हैं। हिंदू धर्म के त्यौहार, उत्सव के संदर्भ में झूठी जानकारी फैलाकर उन्हें उससे दूर करने का कार्य किया जा रहा है। ऐसी शक्तियों के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद काम कर रहा है। आज देश के कुछ राज्यों और बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है, उनकी नागरिकता को नकारा जा रहा है। ऐसे सभी हिंदुओं को देश की नागरिकता दिलाने का कार्य विश्व हिंदू परिषद कर रही है।

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