मथुरा के बांके बिहारी मंदिर की व्यवस्था पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
July 28, 2025
मथुरा के बांके बिहारी जी महाराज मंदिर की प्रबंधन समिति ने उत्तर प्रदेश सरकार के नए अध्यादेश – 'श्री बांके बिहारी जी मंदिर ट्रस्ट अध्यादेश, 2025' – को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह अध्यादेश मंदिर की पूरी व्यवस्था और प्रशासन को राज्य सरकार द्वारा बनाए गए ट्रस्ट के हाथों में सौंपता है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि मंदिर के पास ₹400 करोड़ की कोष राशि है, लेकिन उसे मामले में पक्षकार तक नहीं बनाया गया। कोर्ट ने ₹300 करोड़ जमा कराने का आदेश दिया था, जिसकी अर्जी कल लगी है।
इस अध्यादेश के जरिए बिना किसी गड़बड़ी के आरोप के मंदिर को अपने अधीन ले लिया गया है। ये एक निजी मंदिर है, सरकारी सार्वजनिक मंदिरों जैसा नहीं।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ये मामला दान और तीर्थ क्षेत्र के विकास से जुड़ा है, एक बार वहां जाइए, समझ में आ जाएगा। अभी जो प्रशासक है, वह केवल अस्थायी (ad hoc) है।
देशभर में कितने मंदिरों को अब तक विधायी तरीके से सरकार ने अपने अधीन लिया है – इसकी जानकारी लाइए।
इस मामले पर अगली सुनवाई अगले हफ्ते होगी